किसी भी पैक्स या व्यापार मंडल में गेहूं बेचने की छूट होगी- मुख्यमंत्री

650
0
SHARE

समीक्षा बैठक के मुख्य निर्णय- गेहूं अधिप्राप्ति की समय सीमा 31 मई 2021 तक रखें।गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य 7 लाख टन रखें।रिकार्ड गेंहूं की अधिप्राप्ति हो, अधिक से अधिक गेहूं की अधिप्राप्ति होने से किसानों को फायदा होगा।किसानों को गेहूं अधिप्राप्ति के लिए प्रेरित करें और इसका व्यापक प्रचार प्रसार करायें।गेहूं अधिप्राप्ति का काम तेजी से करें, इसके लिए विभाग को अगर और राशि की आवश्यकता होगी तो सरकार उसे पूरा करेगी।

संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक में कहा कि गेहूं अधिप्राप्ति की व्यवस्था को पारदर्शी और लचीला बनाने के लिए किसानों को किसी भी पैक्स या व्यापार मंडल में गेहूं बेचने की छूट होगी। इस व्यवस्था से किसानों को गेहूं विक्रय करने में और सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रबी विपणन मौसम 2020-21 के अंतर्गत गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर गुरूवार को एक प्रस्तुतीकरण दी गई। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार एवं सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति के न्यूनतम समर्थन मूल्य, खरीद अवधि एवं लक्ष्य की जानकारी दी। प्रस्तुतीकरण में जिलावार गेहूं खरीद की स्थिति की भी जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि रैयत किसानों के लिए 150 क्विंटल एवं गैर रैयत किसानों के लिए 50 क्विंटल की गेहूं अधिप्राप्ति की सीमा रखी गई है एवं 1975 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की कीमत रखी गई है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है, इसे ध्यान में रखकर अधिक से अधिक गेहूं की अधिप्राप्ति करें। गेहूं अधिप्राप्ति की समय सीमा 31 मई 2021 तक रखें और गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य इस बार 7 लाख टन रखें। गेहूं की अधिप्राप्ति अधिक से अधिक होने से  किसानों को सही दाम मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूं अधिप्राप्ति के लिए प्रेरित करें और इसका व्यापक प्रचार प्रसार करायें। इस बात का भी ख्याल रखें कि गेहूं के विक्रय में किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। गेहूं अधिप्राप्ति के कार्य में कृषि विभाग का भी सहयोग लें। गेहूं अधिप्राप्ति का काम तेजी से करें, इसके लिए विभाग को अगर और राशि की आवश्यकता होगी तो सरकार उसे पूरा करेगी।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार, सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी तथा सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार जुड़े हुए थे।

LEAVE A REPLY