मुख्यमंत्री ने सचिवालय परिसर स्थित राजधानी जलाशय का किया भ्रमण

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्य सचिवालय परिसर स्थित राजधानी जलाशय का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री को राजधानी जलाशय के क्षेत्र में पाए जाने वाले वनस्पतियों और पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

यहां 36 प्रकार के पक्षियों की प्रजाति देखे गए हैं जिसमें कुछ प्रजाति, प्रवासी पक्षियों की श्रेणी में आते हैं। लगभग 17 प्रजातियां जलीय तथा लगभग 19 प्रजातियां आस-पास क्षेत्र के स्थलीय पक्षियों की श्रेणी में आते हैं। मुख्य जलीय पक्षी प्रजातियों में लालसर, कुट, पिनटेल, गड़वाल, कॉम्ब डक एवं स्थलीय पक्षी में ट्रीपाई, कोयल, धनेश, रौलर इत्यादि पायी जाती हैं। प्रवासी प्रजाति पक्षियों में लेसर व्हीसलिंग डक, फेरोजीनस डक, कॉरमोरंट, मूरहेन, गडवाल आदि प्रमुख हैं। यहां पक्षियों के अधिक से अधिक जमावड़े के लिए अन्य सुविधाओं के साथ-साथ भोजन रूप में मछली, कीड़े, जलीय पौधे, गीली घास एवं अन्य चीजें उपलब्ध है। शहर की घनी आबादी के बीच यह नैसर्गिक स्थल बन गया है। वन विभाग द्वारा राजधानी जलाशय का प्रबंधन किया जा रहा है। यहां पर पुराने कैंटीन की जगह भव्य बिल्डिंग में पक्षियों पर इंटर प्रिटेशन केन्द्र विकसित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने राजधानी जलाशय के उन्नयन के पश्चात किए गए कार्यों की भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री राजधानी जलाशय भ्रमण के दौरान अधिक से अधिक संख्या में पक्षियों के क्रियाकलापों को देखकर आनंदित हुए।

भ्रमण के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बार दिसंबर में जब हम यहां आए थे तो उस दौरान कहा था कि यहां आने वाले समय में काफी संख्या में पक्षियों का आगमन होगा। आज मुझे यहां काफी संख्या में पक्षियों को देखकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने इस जलाशय का नाम ‘राजधानी जलाशय’ दिया था। पर्यावरण की दृष्टिकोण से इस जलाशय को विकसित किया गया है। अब यह काफी सुंदर दिख रहा है। पक्षियों का कलरव बहुत ही अच्छा लग रहा है। राजधानी जलाशय का निर्माण स्कूली बच्चों के लिए किया गया है। यहां 20-20 के ग्रुप में गाइड के साथ स्कूली बच्चों को लाकर भ्रमण कराया जायेगा। 4 जनवरी के बाद बच्चों का भ्रमण शुरू होगा। भ्रमण के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जायेगा कि पक्षियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को प्रकृति से जुड़ने का ऐहसास होना चाहिए। बच्चे यहां पर आकर प्रकृति से जुड़ी हुयी सारी चीजों को देखेंगे, जिसका उनपर व्यापक असर होगा। उनकी रुचि प्राकृतिक, जैव विविधता और पक्षियों के प्रति संवेदनषीलता को लेकर बढ़ेगी।

भ्रमण के दौरान उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी कुमार रवि सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

 

 

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