सीएम बनने की एक पैसा इच्छा नहीं थी,दबाव में तैयार हुआ-नीतीश कुमार

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संवाददाता.पटना.जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर नीतीश कुमार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद वे इस कुर्सी पर नहीं बैठना चाहते थे। एक पैसा इच्छा नहीं थी। जनता ने अपना फैसला दे दिया था। किसी को भी सीएम बना दिया जाता,चाहे वो भाजपा का ही होता। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन मुझ पर दबाव डाला गया। इसके बाद ही मैं फिर से काम करने के लिए तैयार हुआ।

नीतीश कुमार ने पटना में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दूसरे दिन ये बातें कही हैं। उन्होंने आरसीपी सिंह को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की वजह भी बताई।उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में जदयू विधायकों के टूटने पर भी दुख जताया।पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन पर उन्होंने कहा कि पार्टी और संगठन का विस्तार तेज गति से होना चाहिए। फ़िलहाल यह काम तेज गति से नहीं हो रहा था। हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारी है। बिहार का विकास भी करना है। ऐसे में हमने तय किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दें और आरसीपी सिंह जी को नई ज़िम्मेदारी दे दी जाए। ताकि मुझे बिहार का विकास करने का ज़्यादा मौक़ा मिल सके, वहीं आरसीपी सिंह पार्टी को तेज़ी से मज़बूत कर सकें। पार्टी को मजबूत करने के लिए हमने पद छोड़ा।

जदयू के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं और नीतीश कुमार जी 23 साल से एक साथ हैं। उन्होंने जितना सम्मान मुझे दिया है, वो मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। 19 मार्च 1998 को नीतीश जी ने रेल मंत्री रहते मुझे फोन किया कि रामचंद्र बाबू आप हमारे साथ जुड़िये। आज भी नीतीश जी ने अपनी तरफ से जो ड्यूटी सौंपने का काम किया, इसके लिए हम आभारी हैं।उन्होंने इशारों में ही भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि हम जिनके साथ रहते हैं, पूरी ईमानदारी से रहते हैं। हम साजिश नहीं रचते। किसी को धोखा नहीं देते। सहयोगी के प्रति ईमानदार रहते हैं। इस तरह का अवसर आगे नहीं आए, ये तय करने की कोशिश करेंगे। हम अपने दल को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की दिशा में काम करेंगे। अब पूरे देश में पार्टी का विस्तार किया जाएगा। किसी को छुरा भोंकने का मौका अब नहीं देंगे। हम प्रचार में कमजोर हैं। हमारे नेता पर अगर कोई एक उंगली उठाएगा, तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

 

 

 

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