संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार की अंतिम सभा में चौंकाने वाला ऐलान करते हुए कहा कि यह चुनाव उनका अंतिम चुनाव है.गुरूवार को पूर्णिया के धमदाहा की सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा-..आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। परसों चुनाव है…और यह मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।
बिहार में 7 नवंबर को आखिरी चरण 78 सीटों के लिए का मतदान होना है। इस चरण में 1204 उम्मीदवार मैदान में हैं। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। गुरुवार को शाम आखिरी चरण के लिए भी चुनाव प्रचार खत्म हो गया।अंतिम चरण की आखिरी चुनावी सभा में मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राजनीतिक पारा चढ गया है।
नीतीश कुमार की उम्र 69 साल है, यानी अगर बिहार में अगला चुनाव समय पर होता है तो वे 74 साल के हो चुके होंगे। यह नीतीश कुमार का फैसला है या इमोशनल कार्ड, इसके कयास लगाए जाने लगे हैं। जब नीतीश चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे, उसी वक्त मस्जिद से अजान की आवाज आने लगी। नीतीश ने तत्काल अपना भाषण रोका और सभी को चुप रहने को कहा।
नीतीश के बयान पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा- नीतीश ने विपक्ष के सामने उन्होंने एक लंबी लकीर खींच दी है और मील का पत्थर खड़ा किया है। मुख्यमंत्री ने संन्यासी की तरह विरक्त भाव से बिहार की राजनीति की है और उनके इस बयान ने सबको चौंकाया है। मुख्यमंत्री ने 2020 के लिए जनादेश मांगा है और उनके कहने का यही मतलब है कि वे 2025 में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि विपक्ष पहले से कह रहा है कि नीतीश कुमार थक गए हैं। पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद नीतीश कुमार को अपनी हार का अहसास हो गया है। वो जान चुके हैं कि चुनाव हार गए हैं और जनता ने उन्हें नकार दिया है।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि 10 नवंबर को तेजस्वी यादव का सीएम बनना तय है। हार के डर से परेशान मुख्यमंत्री सिम्पैथी कार्ड खेलने में लगे हैं। उन्हें कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि 2010 ही नहीं, 2015 के चुनाव में भी उन्होंने काम करने के लिए जनता से एक मौका और मांगा था, लेकिन कोई काम नहीं किया।
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अब नीतीश कुमार थक चुके हैं। अब उनको आराम करना चाहिए। चिराग ने भी ट्वीट कर नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें 15 वर्षों का हिसाब देना चाहिए।