किसान होंगे खुशहाल-होगा आत्मनिर्भर बिहार- प्रेम कुमार

1001
0
SHARE
Anti-national

संवाददाता.पटना.बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता-सह-कृषि मंत्री डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। बिहार को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य की सरकार ने 15 सालों में जर्जर एवं बिखरे हुये बिहार को संवारने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि एन.डी.ए. गठबंधन कृतसंकल्पित है कि प्रदेश के किसानों और पशुपालकों को सभी आवश्यक सुविधाएँ और लाभ दिए जाये। बिहार देश का पहला राज्य है जहाँ कृषि के टिकाऊ विकास के लिए तीन-तीन कृषि रोड मैप बनाया गया है। बीज से लेकर बाजार तक की सुविधा, बीजो की आनलाईन व्यवस्था, बीजों की होम डिलीभरी का गृह मंत्रालय द्वारा सराहना की गई है। खेती के लिए कृषि यंत्र, कस्टम हायरिंग सेन्टर, उर्वरक, कीटनाषी की सुविधाएँ दी गई है। फसल अवषेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों पर 75 प्रतिषत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है। सिंचाई की सुविधा के लिए सूक्ष्म सिंचाई संबंधित उपकरणों पर 90 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया  है। हर खेत को पानी के लिए हर गाँव का सर्वेक्षण किया गया है। दक्षिण बिहार के सूखाग्रस्त जिलों में भूमि संरक्षण की योजनाओं से सिंचाई स्रोत का सृजन किया गया है। अन्न भंडारण हेतु 200 मे0 टन के गोदाम निर्माण पर 75 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है।

इसके साथ ही, बाजार की व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए 54 बाजार प्रांगणों की सफाई, सुरक्षा, सड़क, बिजली, शौचालय, डिजिटल रेट डिस्प्ले बोर्ड की व्यवस्था की जायेगी । इसे राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय मंडियो से जोड़ा जायेगा। किसानो की आमदनी बढ़ाने हेतु फल-सब्जी, मसाला, मशरुम, सुगंधित पौधों, शहद उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उद्यानिक विकास योजना के अंतर्गत 14 फसलों का 23 जिलों में उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा।

डा॰ कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अभी तक 75 लाख 72 हजार 620 किसानों के खाते में 5852 करोड़ से अधिक की राषि भेजी गयी है। किसान मानधन योजना के तहत् पेंशन का लाभ दिया गया है। किसान रेल का प्रावधान किया गया है। पूरे देश में ए॰पी॰एम॰सी॰ एक्ट को समाप्त किया गया है। अब किसान देश के किसी कोने में अपनी फसल बेच पायेंगे। 7 ई॰सी॰ एक्ट को संषोधित किया गया है। अब कृषि उत्पादों के भंडारण पर कोई रोक नहीं रहेगी। 01 लाख करोड़ रुपये का एग्री इन्फ्रा फण्ड तथा मत्स्य सम्पदा योजना कार्यान्वित किया जायेगा। बाढ़, सुखाड हर स्थिति में नुकसान की भरपाई की जायेगी। फरवरी, मार्च एवं अप्रैल में ओलावृष्टि एवं आँधी से फसलो की हुई क्षति के लिए 18 लाख 39 हजार 666 किसानों के खाते में 568 करोड़ 14 लाख 46 हजार रुपये कृषि इनपुट अनुदान डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से भेजे गये।

 

LEAVE A REPLY