संवाददाता.पटना.समाजवादी नेता, लालू प्रसाद के करीबी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया।वे 74 वर्ष के थे। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। वे पिछले चार दिनों से जीवन के संघर्ष से जूझ रहे थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
रघुवंश जब पटना एम्स में भर्ती थे, तब उन्होंने 23 जून को पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वे रामा सिंह के राजद में आने की खबरों को लेकर नाराज चल रहे थे।इसी नाराजगी के बीच उन्होंने राजद पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया लेकिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। रघुवंश को 18 जून को कोरोना हो गया था। एक जुलाई को उन्हें पटना एम्स से छुट्टी मिल गई थी।
रघुवंश 1977 में पहली बार विधायक बने थे। 5 बार वैशाली से लोकसभा के लिए चुने गए।राज्यसभा के भी सदस्य रहे।राज्य और केन्द्र में मंत्री रहे।बिहार विधान परिषद के सभापति रहे।वे कर्पूरी ठाकुर के भी करीबी थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जमीन से जुड़ा और गरीबी को समझने वाला नेता चला गया। जिस विचारधारा से जुड़े, उसी को जीवन भर जिया। उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए लगातार चिंता करता था। उम्मीद थी कि वे जल्द ठीक होकर बिहार की सेवा में लग जाएंगे। वे जिन आदर्शों के साथ चल रहे थे, उनके साथ चलना अब संभव नहीं था। उन्होंने इसे प्रकट भी कर दिया था। बिहार के सीएम को राज्य के विकास को लेकर चिट्ठी भेजी। नीतीशजी से आग्रह करूंगा रघुवंश ने आखिरी चिट्ठी में जो भावनाएं प्रकट की हैं, उसे आप और हम मिलकर पूरा करने का निश्चय करें।