एसएलबीसी की बैठक में आत्मनिर्भर भारत योजना से संबंधित हुई समीक्षा

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संवाददाता.पटना.अधिवेशन भवन में आयोजित राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 73 वीं बैठक में आत्मनिर्भर भारत योजना के विभिन्न अव्ययों की गहन समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कोरोना संकट से पूरे देश में निबटने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज का अधिकाधिक लाभ बिहार के किसानों, उद्यमियों, छोटे कारोबारियों तक पहुंचाने में बैंकों को सहयोग करने का आह्वान किया।

इसके साथ ही उन्होंने वार्षिक साख योजना की 10 प्रतिशत से भी कम उपलब्धि वाले राज्य के 10 जिलों यथा बांका (6.29 प्रतिशत), अरवल (6.63 प्रतिशत), मधुबनी (7.68 प्रतिशत), सिवान (8.01 प्रतिशत) आदि की अगले 15 दिन में अलग से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करने का भी निर्देश दिया।

श्री मोदी ने बैंकों से कहा कि वे बिहार के काष्ठ आधारित उद्योगों व कृषि व्यवसाय से जुड़े सात प्रक्षेत्रों जिनमें मखाना, फल-सब्जियां, शहद, मक्का, व बीज आदि के प्रसंस्करण शामिल हैं को राज्य सरकार ने 15 से 35 प्रतिशत तक पूंजीगत व ब्याज अनुदान देने का प्रावधान किया है, को अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराएं।

आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत फुटपाथी दुकानदारों को अब तक दिए गए ऋण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकों में आए 14,917 आवेदनों में से 3,974 को स्वीकृत किया गया और मात्र 45 को 10-10 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है। बिहार सरकार ने नगर विकास विभाग के माध्यम से एक लाख फुटपाथी दुकानदारों का आवेदन बैंकों को देने का निर्देश दिया है।

इसी प्रकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ढाई करोड़ किसानों को दो लाख करोड़ का ऋण दिया जाना है मगर बिहार में अभी तक 69,689 किसानों को मात्र 960.85 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है। डेयरी, फिशरी व पाॅल्ट्री किसानों के 40,602 आवेदनों में से 7,217 को ही 63.39 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है जबकि कम्फेड के जरिए बिहार के 12 लाख डेयरी किसानों का आवेदन बैंकों को भेजा जाना है।

कोरोना काल में एमएसएमई प्रक्षेत्र व अन्य उद्यमियों/व्यापारियों को भारत सरकार द्वारा घोषित 3 लाख करोड़ के बंधन मुक्त ऋण के तहत बिहार के 1,17,713 आवेदकों को 2051.11 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है।भारत सरकार द्वारा 31 अगस्त तक किस्त भुगतान (मोरेटोरियम) से दी गई छूट के तहत बिहार के 9 लाख से ज्यादा खाताधारकों के (टर्म लोन व वर्किंग कैपिटल) कर्ज की 11 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि सन्निहित है को सहूलियत दी गई।

बैठक में मंत्री सर्वश्री प्रेम कुमार, श्रवण कुमार, महेश्वर हजारी, राणा रणधीर सिंह आदि के साथ स्टेट बैंक सहित अन्य विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि व वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ भी उपस्थित थे।

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