एससी-एसटी से संबंधित लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन करें-मुख्यमंत्री

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संवाददाता. पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितम्बर 2020 तक करें। संबंधित विभागों के सचिवों से सम्पर्क कर मामले का त्वरित निष्पादन करें। इन्वेस्टिगेशन कार्य को तेजी से पूर्ण करें। जो पदाधिकारी मामलों के निष्पादन में गंभीरता नहीं दिखाते हैं, उन पर कार्रवाई करें। सभी थानों में लॉ एण्ड आर्डर और इन्वेस्टिगेशन के लिये अलग-अलग विंग बनाये गये हैं ताकि लॉ एण्ड आर्डर का भी बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके और इन्वेस्टिगेशन कार्य भी ससमय पूर्ण हो। विधि विभाग द्वारा अनन्य विशेष न्यायालयों में अनन्य विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लायें। जो विशेष लोक अभियोजक अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे हैं, उन्हें मुक्त करें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 (समय समय पर यथा संशोधित) के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई।समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने उपरोक्त निर्देश दिए। बैठक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव  प्रेम कुमार मीणा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विगत बैठक की कार्यवाही अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के क्रम में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पुलिस महानिदेशक /पुलिस महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग)/अपराध अनुसंधान विभाग/निदेशक अभियोजन द्वारा इस संबंध में किए जा रहे कार्यों की बिंदुवार जानकारी दी गई। बैठक में पुलिस महानिदेशक के स्तर पर दोष सिद्धि निपटारे के लिये की गयी कार्रवाई, पीड़ित व्यक्तियों को दी जाने वाली राहत, पुनर्वास सुविधाओं एवं उनसे जुड़े अन्य मामलों की भी समीक्षा हुई। जिलास्तर पर गठित निगरानी एवं अनुश्रवण समिति के कार्यकलापों की भी जानकारी दी गई। अधिनियम के प्रावधानों में हुए परिवर्तन को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों के लिए नियमित रुप से प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में भी जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में सभी जन प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। उस पर गौर करते हुये त्वरित कार्रवाई करें। आज जिन-जिन बिन्दुओं पर चर्चा की गयी है उनका निष्पादन ससमय करें। राशन कार्ड वितरण, महादलित के अलावा सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वास रहित परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना, उनके लिये आवास निर्माण आदि कार्यों में भी तेजी लायें। उन्होंने कहा कि सभी थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा थानावार पुलिस महानिदेशक के द्वारा की जाए। अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित आज जितने विषयों की चर्चा हुयी है और इसके अलावा उनके लिये चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिये मुख्य सचिव अपने स्तर पर इसकी समीक्षा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों को तत्काल राहत के लिये अग्रिम राहत राशि तुरंत उपलब्ध करायें। इसके लिये सभी जिलों में राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। अनुसूचित जाति/जनजाति के पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी जा रही है। इसके अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिये तत्काल नियम बनायें। अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण के लिये हर जरूरी कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान के लिये तथा उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिये कई योजनायें चलाई जा रही है, अन्य संभावनाओं/योजनाओं पर भी विचार करें। इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, उनके लिये सब कुछ किया जायेगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान से समाज का उत्थान होगा।

इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री-सह-सदस्य बिहार विधानसभा जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री  रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, सांसद पशुपति कुमार पारस, सांसद प्रिंस राज, सांसद आलोक कुमार सुमन, विधायक ललन पासवान, विधायक सुनील कुमार, विधायक भागीरथी देवी, विधायक प्रेमा चौधरी, विधायक प्रभुनाथ प्रसाद, विधायक रत्नेश सदा, विधायक बेबी कुमारी, विधायक पूनम कुमारी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं।

बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, अपर मुख्य सचिव गृह  आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। जबकि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह, सचिव अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण प्रेम कुमार मीणा, सचिव विधि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के सचिव एवं वरीय अधिकारीगण जुड़े हुये थे।

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