संवाददाता.पटना.पटना के प्रसिद्ध ऑनकोलोजी सर्जन और सवेरा कैंसर एवं मल्टी स्पैशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ वी पी सिंह नें देश में बढ़ते कैंसर के मामले पर चिंता जताई है । उन्होंने राष्ट्रीय कैंसर रेजिस्ट्री प्रोग्राम 2020 की एक रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमे बताया गया है की वर्ष 2020 जहां देश भर में अनुमानतः 13।9 लाख लोग कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं, वहीं 2025 तक यह संख्या बढ़कर 15।7 लाख होने का अनुमान है। देश भर के 28 से अधिक कैंसर जनित रोगियों के रेजिस्टर्ड इकाईयों के मार्फत किए गए शोध पर आधारित यह जानकारी बेहद चौंकाने वाला है।
आदर्शन के साथ बातचीत में डॉ सिंह ने इस रिपोर्ट की चर्चा करते हुए बताया कि 2020 में सिर्फ तंबाकू से संबंधित कैंसर के कुल मामले 3 लाख 70 हजार हैं जो पूरे कैंसर के विभिन्न कारणों का 27.1% है। वहीं महिलाओं में, स्तन कैंसर के 2 लाख मामले हैं जो महिलाओं में कैंसर के विभिन्न कारणों का 14.8% और गर्भाशय ग्रीवा के 75 हजार मरीज हैं जिनका अनुपात 5.4% है। देश भर मे प्राप्त आँकरों के मुताबिक देश मे कैंसर के प्रमुख कारणों मे तंबाकू का सेवन सर्वाधिक है। खासकर पूर्वोत्तर भारत में खासकर पुरुषों में होने वाले कैंसर के प्रमुख कारकों मे तंबाकू का सेवन ही प्रधान रूप से सामने आया है। पुरुष रोगियों में कैंसर संबंधित रोग सामान्यतः फेफड़े, पेट या आंत, अथवा घेंघा या अन्न प्रणाली जनित कारणों से पाए जा रहे हैं। वहीं अध्ययन के मुताबिक महिलाओं में होने वाले कैंसर का मुख्य कारण स्तन कैंसर, और गर्भाशय जनित कारण है।
बातचीत के दौरान डॉ वी पी सिंह नें महिलाओं में बढ़ते स्तन एवं गर्भाशय कैंसर के रोग के प्रति चिंता जाहिर करते हुए बताया कि इन दिनों पुरुष एवं महिला दोनों में गले, फेफड़े एवं मस्तिष्क संबंधी कैंसर की शिकायतों में भी खासा इजाफा हुआ है। ज्यादातर कैंसर जनित रोग का इलाज उचित समय पर उपचार शुरू होने पर संभव है। लोगों को इसके प्रति जागरूक और किसी भी कीमत पर अपने शरीर पर होने वाले प्रतिकूल लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्तर और चरणों में कैंसर संबंधित इलाज के लिए क्रमबद्ध तरीके से उपचार संभव है जिसमें किमोथेरपी, रेडिएशन, सर्जरी जैसी विधि शामिल हैं। इलाज के समग्र रूप को मल्टी- मोलाडिटी ट्रीट्मेन्ट कहा जाता है।
डॉ वी पी सिंह ने आगे बताया कि कुछ केस जैसे फेफड़े संबंधी कैंसर के लक्षण तो रोगियों मे प्रारंभिक तौर पर ही पकड़ में आ जाते हैं लेकिन कुछ अन्य मामले जैसे मस्तिष्क या गला, पेट, गर्भाशय या स्तन संबंधी कैंसर के लक्षण रोगी को रोग के फैलने या संक्रमण के दौरान ही पता चल पाता है। सवेरा कैंसर एवं मल्टी स्पैशलिटी हॉस्पिटल मे कैंसर के निराकरण संबंधी प्रदत्त सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ईस्टर्न इंडिया खासकर बिहार मे कैंसर रोग के इलाज के लिए यह स्टेट ऑफ आर्ट संस्थान बनाया गया है जहां इस रोग के सफल इलाज के लिए जरूरी समस्त डैगनोस्टिक फैसिलिटी यानि रोग के सही जांच संबंधित निदानकारी उपकरण एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। संस्थान का प्रमुख उद्देश्य पीड़ित मानवता की विशिष्ट सेवा है।