संवाददाता.पटना. जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार में इंजीनियरिंग छात्रों के लिए रोजगार के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सहायक इंजीनियर के पद पर निकाली गई रिक्तियों को भरने का काम करें। चुनावी साल है। अगर ऐसा बिहार सरकार 15 दिनों में नहीं करती है, तो हम सीएम का घेराव करेंगे।
अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार खुद एक अभियंता हैं। उन्होंने कुर्सी के लिए सोशल इंजीनियरिंग की। मगर ये जानकार आश्चर्य हुआ कि सहायक अभियंता की परीक्षा 2017 में हुई थी। करीब 1700 से अधिक रिक्तियां निकाल कर आवदेन मांगा था। लाखों लोगों ने फॉर्म भरा। प्री एग्जाम पास कर मेंस का एग्जाम दिया। लेकिन मेंस के परीक्षा का परिणाम नहीं आया। इससे आहत इंजीनियर बच्चे जब बीपीएससी कार्यालय के पास अपनी मांग लेकर जाता है, तो ये इंजीनियर अपराधी हो जाते हैं। नीतीश कुमार की पुलिस उन पर लाठीचार्ज करवाते हैं। आखिर वे कैसे इंजीनियर हैं, जो ऐसा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में डिग्री धारकों की घोर अनदेखी हो रही है, और डबल इंजन की सरकार मजे ले रही है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि कनीय अभियंता की बहाली में बी टेक को शामिल करें। निम्न योग्यता को रोजगार और उच्च योग्यता को रोजगार से वंचित किया जाना सही नहीं है, जबकि पाठ्यक्रम समान है। सहायक अभियंता की स्थायी बहाली हर साल हो। राज्य के छात्रों को राज्स के सभी सरकारी नौकरियों में अन्य राज्यों की तरह शत प्रतिशत आरक्षण दिया जाये। राज्य के सभी अभियंत्रण महाविद्यालय में गुणवतापूर्ण शिक्षा, लैब, शिक्षक की व्यवस्था हो और प्लेसमेंट सेल का भी गठन हो।
वहीं तकनीकी छात्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई० सौरभ कुमार पटेल ने कहा कि बिहार के इंजीनियर के साथ ई० मुख्यमंत्री सौतेला व्यवहार कर रहे है। 2004 के बाद इंजीनियरो की स्थायी बहाली 2017 में आई थी लेकिन 3 साल बीतने के बाबजूद परिणाम लंबित है। कनीय अभियंता की बहाली में उच्च योग्यता रखने वाले बी टेक को छात्रो वंचित कर दिया गया।जिससे प्रतीत रोजगार देने की इरादा ही नही है। साथ ही 2018-19 के छात्रों का पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति अब तक नहीं मिला है कहीं न कहीं छत्रवृति घोटाला वाकई आशंका।