सीएम ने कहा-बिजली की स्थिति में सुधार,लालटेन व ढिबरी की जरूरत समाप्त

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संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 में न्याय यात्रा के दौरान शाम में जब वापस लौटते थे तो बिल्कुल अंधेरा रहता था और सड़क किनारे कोई भी व्यक्ति नहीं दिखता था। अब हेलीकॉप्टर से रात में नीचे देखने पर बिजली की सभी जगह उपलब्धता से अनुपम दृश्य का अनुभव होता है। कोरोना संक्रमण के दौर में लॉकडाउन से लेकर अभी तक लोगों को घरों में रहना पड़ रहा है लेकिन बिजली की लगातार उपलब्धता से बच्चों को पढ़ने में सुविधा के साथ ही लोगों को घरों में रहने में तकलीफ महसूस नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में लोग लालटेन और ढ़िबरी से काम चलाते थे लेकिन अब बिजली की निर्बाध उपलब्धता से लालटेन एवं ढिबरी की जरुरत नहीं रह गयी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऊर्जा प्रक्षेत्र की 4855.37 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शनिवार को उद्घाटन, लोकार्पण, शिलान्यास एवं कार्यारम्भ के दौरान उपरोक्त बातें कही।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 1341.31 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन, 3130.54 करोड़ रुपये की जर्जर तार बदलने की योजना का लोकार्पण एवं 383.52 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में बिजली की क्या स्थिति थी ये सभी जानते हैं। आज बिहार में बिजली की स्थिति में कितना बड़ा सुधार हुआ है। वर्ष 2005 में मात्र 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी जो आज बढ़कर 5,932 मेगावाट हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 15 अगस्त के दिन ही गांधी मैदान से मैंने घोषणा की थी कि अगर बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट मांगने नहीं जायेंगे। वर्ष 2015 में सत्ता में आने के बाद 7 निश्चय कार्यक्रम लागू किया गया जिसमें हमने हर घर तक बिजली पहुंचाने का निश्चय किया। हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था जिसे अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया। अक्टूबर 2018 में बिजली विभाग के उसी कार्यक्रम के दौरान बिजली के जर्जर तारों को बदलने का हमने लक्ष्य निर्धारित किया जिसे ऊर्जा विभाग ने ससमय 2019 के अंत तक पूर्ण कर लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में यात्रा के दौरान यह देखा गया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत बिजली के बिल में गड़बड़ी से संबंधित ज्यादा शिकायतें मिल रही थीं। प्राप्त शिकायतों का निवारण किया जा रहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा सब्सिडी अभी मिल रही है। सभी बिजली बिल पर लिखा होता है कि इसमें सरकार की सब्सिडी कितनी है और लोगों को कितने बिजली बिल का भुगतान करना है। सरकार  6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बिजली सब्सिडी पर खर्च कर रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि लोगों को बिजली का लाभ मिले, बिजली की दिक्कत किसी को न हो।

उन्होंने कहा कि बिहार में प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरु किया गया है। प्रीपेड मीटर लग जाने से कई समस्या का समाधान हो जायेगा। प्रीपेड मीटर लगने से लोगों को काफी सुविधायें होंगी। बिजली कंपनियों को भी कोई नुकसान नहीं होगा। केंद्र सरकार भी अब इस योजना को स्वीकार कर चुकी है। प्रीपेड मीटर लग जाने से बिजली का दुरुपयोग नहीं होगा, साथ ही नार्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी एवं साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को भी कम से कम नुकसान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में बिहार के ऊर्जा मंत्री ने हर घर तक बिजली पहुंचाने की जानकारी दी। इससे प्रभावित होकर केंद्र सरकार ने भी इस योजना को स्वीकार कर लागू किया। प्रीपेड मीटर लगाने की योजना को भी केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है। इससे एजेंसी की कमी नहीं होगी और प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी से हो सकेगा। खेती के लिए इच्छुक किसानों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए अब तक 2 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा जो भी आवेदन प्राप्त होंगे उन्हें भी खेती के लिए बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए कृषि फीडरों का निर्माण कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने घोषणा की है कि अगर बिहार की जनता फिर से सेवा करने का मौका देती है तो हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचायेंगे। जैसा कि हमने पहले वादा किया था हर घर तक पीने का पानी पहुचायेंगे और इसे पूरा किया। हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग सर्वेक्षण करके इसकी कार्ययोजना बना रहे हैं।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए 7 योजनाओं के माध्यम से कार्य किये जा रहे हैं। तालाब, आहर, पइन, पोखर, छोटी नदियों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भूजल स्तर को मेंटेन रखने के लिए कार्य किये जा रहे हैं। छोटी नदियों को आपस में जोड़कर जल की उपलब्धता बनी रहे इस योजना पर भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की 89 प्रतिशत जनसंख्या गांव में निवास करती है और 76 प्रतिशत जनसंख्या की जीविका का आधार कृषि है। कृषि रोड मैप लागू होने से किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ा है। अच्छी सड़कें होने से उनके अनाज की पहुंच बाजार तक बनी है जिससे उन्हें उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिल रहा है।

कार्यक्रम के दौरान जर्जर तार को बदलने के कार्य पर आधारित और ऊर्जा क्षेत्र में किये गये कार्यों पर आधारित एक-एक लघु फिल्म दिखाई गई।कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा तथा मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, सचिव ऊर्जा संजीव हंस ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, सांसद राजीव प्रताप रुडी, सांसद विजय मांझी सहित विधायकगण, विधानपार्षदगण एवं अन्य जन प्रतिनिधिगण, नार्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संजीवन सिन्हा, ब्रेडा के निदेशक आलोक कुमार, सभी जिलाधिकारी एवं ऊर्जा विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे।

 

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