शिवसेना नेता ने पशु तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

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संवाददाता.पटना. सुशासन नाम की नीतीश-सरकार की संवेदनहीनता तब प्रकट हो गई जब राजधानी से सटे इलाके में कई बेजुबान पशु तस्करी के चक्कर में मौत के शिकार हो गए। इन बेजुबान जीवो के हृदय विदारक मौत जो कि तस्करी के कारण हुई है और जिसमें पुलिस और पशुपालन विभाग और सरकारी कर्मियों की मिलीभगत है।यह आरोप शिवसेना के प्रदेश महासचिव नागमणि उर्फ सनी कुमार ने लगाया है। नागमणि विगत लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र लोकसभा से शिवसेना प्रत्याशी भी रहे हैं।

उन्होंने बताया कि शिव सैनिकों के सजगता के कारण उक्त मामले का पर्दाफाश हो पाया है इस हृदय विदारक घटना के बाद विपुल इस मामले को दबाने हेतु रात के अंधेरे में ही सभी जानवरों के शवों को जेसीबी की मदद से गड्ढे में दबाने का प्रयास कर रही थी। शिव सैनिकों की सजगता के कारण ही यह तस्करी का मामला जो कि स्थानीय पुलिस एवं विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से होती है, वह उजागर हुआ। यही नहीं रात के अंधेरे में चुपके से भाग रहे वाहन जिस पर सभी जानवर लगे हुए थे का बिजली के खंभे से टकरा जाना इस हृदय विदारक घटना का कारण बना और सभी के सभी जानवरों की मौत हो गई। यह घटना कहीं ना कहीं विद्युत विभाग के स्थानीय पदाधिकारी कनीय अभियंता सहायक अभियंता कार्यपालक अभियंता के भी उदासीन रवैया का परिचायक है। बिजली के तार और खंभों की जर्जर स्थिति के कारण सड़क किनारे आमतौर पर या घटनाएं घट रही है।

उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी नहीं बिजली विभाग और नहीं पशुपालन विभाग और स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई की गई बल्कि मामले की लीपापोती की जा रही है। हम सरकार से मांग करते हैं कि पशुधन तस्कर एवं पटना जिला प्रशासन खासकर धनरूआ के आसपास के पुलिस प्रशासन के मिलीभगत गठजोड़ की उच्च स्तरीय जांच हो ताकि इन बेजुबान जानवरों को भी न्याय मिल सके।

 

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