संवाददाता.पटना.बिहार के सत्ताधारी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि पहले तो इन्होंने बिहार के मजदूरों को 1800 किलोमीटर पैदल चलवा दिया, और जब जनता कोरोना वायरस के लॉकडाउन से बचकर आई भी तो इन्हें बाढ़ के प्रकोप में छोड़ दिया गया है। मंदिरों में दिया जलाना जरूरी है, लेकिन उससे पहले हमारे केवट के घर में, ओर हमारी शबरी के घर में दिया जलना चाहिए, जो आज भूखे मरने की स्थिति में हैं। अब बिहार के निवासी विकसित बिहार और मजबूत विकल्प का सपना देखना चाहते हैं। जन अधिकार पार्टी आगामी चुनावों में उन्हें एक मजबूत विकल्प देगी।
सत्ताधारी दलों द्वारा की जा रही वर्चुअल रैलियों के बारे में बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि अगर साठ प्रतिशत जनता सुनेगी ही नहीं कि उनके नेता कह क्या रहे हैं, तो वो वोट किस मुद्दे पर देगी? ये जनतंत्र की हत्या का प्रयास है जिसे हर हाल में रोका जाना चाहिए। सरकार की विफलताओं की लम्बी सूची गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार तो चमकी बुखार के मामले में विफल हुई, कोरोना ओर बाढ़ में भी उसकी विफलता अब जनता के सामने साफ़ उजागर होती है।
कोरोना महामारी और उससे जुड़ी जांच पर भी संदेह व्यक्त करते हुए पप्पू यादव ने कहा की जांच सही तरीके से हो रही है या नहीं ये डाटा से पता चलता है। सरकार डाटा छुपा रही है। कितने लोग ठीक हुए और दूसरी बार में किनकी जांच नेगेटिव आई वो भी पता नहीं चल रहा है। जांच के नाम पर सिर्फ आंकड़ों का खेल हो रहा है। उन्होंने कहा कि किन-किन मुद्दों पर सरकार की विफलता गिनवाई जाए? यहाँ तो सुशासन केवल नाम का है।
पप्पू यादव ने नवअरुणा और ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांडों का जिक्र करते हुए कहा कि जब इन मामलों की जांच पूरी नहीं हो पाई तो हम कैसे भरोसा करें कि कोई और जांच पूरी होगी? इस सिलसिले में उन्होंने उच्च न्यायलय के न्यायाधीश की देखरेख में सुशांत सिंह हत्या के मामले की जांच की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि कोई सुशांत की मौत को आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है, इसकी जांच हत्या की तरह ही होनी चाहिए। सरकार पर लाशों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन की विधानसभा बुलवाई गयी ओर उसमें भी जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई। मौके पर मौजूद जन-समुदाय में भी पूर्व सांसद पप्पू यादव की बातों से समर्थन दिखा।इससे पूर्व उन्होंने बक्सर जिला के डुमरी रोड के मृतक सरफराज अहमद के परिजनों से भेंट भी की और आकस्मिक निधन पर शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।