संवाददाता.पटना.वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद में अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन अमृत लाल मीणा, सचिव जल संसाधन संजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।
अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन अमृत लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘जल-जीवन-हरियाली’ का क्रियान्वयन विभिन्न विभागों के द्वारा किया जा रहा है। लघु जल संसाधन विभाग द्वारा परंपरागत जल स्त्रोतों की उड़ाही का काम किया जा रहा है। विभाग को 5 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल वाले सभी परंपरागत जल स्त्रोतों की उड़ाही का जिम्मा दिया गया है। मॉनसून के पहले करीब एक हजार जल स्त्रोतों की उड़ाही का काम पूरा कर लिया गया है। उन सब में इस बार जल भंडारण हुआ है। 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले बाकी बचे तालाबों के डी0पी0आर0 बनाने का काम चल रहा है। जल संचयन करने को लेकर चरणबद्ध तरीके से इनकी भी उड़ाही का काम किया जायेगा।
सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोशी नदी में आज 2 बजे 1,83,245 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और जलस्तर फॉलिंग ट्रेंड में है। गंडक नदी में 1,77,800 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ है और इसका जलस्तर भी फॉलिंग ट्रेंड में है किन्तु गंडक के जल ग्रहण क्षेत्र में 12 स्टेशनों पर मध्यम से भारी वर्षा होने के कारण आगामी 12 से 24 घंटे में इसका जलस्तर बढ़ेगा। बागमती और बूढी गंडक को छोड़कर अन्य नदियों का स्टैटिक या फॉलिंग ट्रेंड है। बागमती नदी का जलस्तर बेनीबाद में स्टैटिक है, जबकि हायाघाट में 03 सेंटीमीटर बढ़ा हुआ है। समस्तीपुर रेलपुल और रोसरा रेलपुल पर बूढी गंडक का जलस्तर थोड़ी राइजिंग ट्रेंड में है। पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन दिनों तक भारत और नेपाल क्षेत्र में लाइट टू मोडरेट बारिश होने की संभावना है। बागमती के नेपाल भाग में भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि मुख्य अभियंता, गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बाँध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चम्पारण तटबंध एवं बूढी गंडक नदी के दायें तटबंध के कंट्री साइड में निर्मित रिटायर्ड बाँध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। सतत निगरानी एवं चौकसी बरती जा रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 14 जिले के कुल 112 प्रखंडों की 1,043 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। पूर्वी चम्पारण में 02, गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 19 राहत शिविरों में कुल 26,732 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 1,340 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 8,82,996 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 3,92,600 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया। अब तक बाढ़ से 13 लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 1 लाख 93 हजार 889 परिवारों के बैंक खाते में कुल 116 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध कराया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।