संवाददाता.पटना.वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद में सचिव जल संसाधन सजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने राज्य में बाढ और राहत व्यवस्था की जानकारी दी।
सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक दो नदियों को छोड़कर बिहार की सभी नदियों की प्रवृत्ति घटने की है। बूढ़ी गंडक नदी की प्रवृत्ति बढ़ने की है, ये नदी खतरे के निशान से ऊपर है। बूढ़ी गंडक नदी आज दिन के 2 बजे मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर, समस्तीपुर रेल पुल के पास 1.12 मीटर, रोसड़ा में 1.86 मीटर और खगड़िया में 45 सेंटीमीटर ऊपर थी।
जल संसाधन सचिव ने बताया कि बागमती नदी का अपस्ट्रीम में फॉलिंग ट्रेंड है जबकि हायाघाट के नीचे इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है। इन दो नदियों के अलावा सभी नदियां या तो स्थिर हैं या फिर उनकी प्रवृत्ति घटने की है। गंगा नदी का जलस्तर मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में राइजिंग है लेकिन स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। कहलगांव में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर है बाकि जगहों पर खतरे के निशान से नीचे है। कोसी नदी की प्रवृत्ति भी घटने की है। श्री संजीव हंस ने बताया कि कल रात और आज हुई बारिश के कारण गंडक नदी का बाल्मीकिनगर बराज से जलश्राव थोड़ा राइजिंग है। गंडक नदी में जो मुख्यतः तीन कटाव हुए थे उनकी मरम्मत शुरू हो गयी है। मोतिहारी के भवानीपुर में कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य प्रारंभ हो गया है जबकि गोपालगंज के देवापुर में कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य पूरा कर लिया गया है। आज से कल तक ब्रिज क्लोजर कर लिया जायेगा। गोपालगंज के सत्तरघाट पुल के पास पकहां में भी मैटेरियल पहुंचाया जा रहा है। आज रात्रि से वहां मरम्मत का कार्य प्रारंभ हो जायेगा।
उन्होंने बताया कि आज और कल के लिए नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र और बिहार में हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान है जबकि नेपाल साइड के गंडक के कैचमेंट में कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। 28 और 29 जुलाई को महानंदा नदी के कैचमेंट में भारी वर्षा और बाकि जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिलों के कुल 86 प्रखंडों की 625 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 03, पूर्वी चम्पारण में 08, गोपालगंज में 12 और खगड़िया में 03 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 26 राहत शिविरों में कुल 14,011 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 46, सुपौल में 03, पूर्वी चंपारण में 31, सारण में 18, पश्चिमी चम्पारण में 07, दरभंगा में 293, सीतामढ़ी में 19, खगड़िया में 03, शिवहर में 03, मुजफ्फरपुर में 40 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 463 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 1,77,065 लोग भोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही है और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से 1,36,464 लोगों को निष्क्रमित किया गया है। कल से प्रभावित लोगों के लिये हेलीकॉप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स गिराये जा रहे हैं। कल हेलिकाप्टर की मदद से गोपालगंज के बरौली प्रखण्ड, दरभंगा के कुशेश्वर स्थान, केवटी, सिंगवारा, दरभंगा सदर एवं पूर्वी चम्पारण के संग्रामपुर प्रखण्ड में ड्राई राशन पैकेट का एयरड्राॅपिंग कराया गया। आज गोपालगंज के बरौली प्रखण्ड में पूर्वी चम्पारण के संग्रामपुर एवं बंजरिया प्रखण्डों में 3 के द्वारा ड्राई राशन पैकेट का एयरड्रापिंग कराया जा चुका है। दरभंगा जिला के कुशेश्वर स्थान में अब तक 2 एयरड्रापिंग किया जा चुका है। आवश्यकतानुसार हेलिकाप्टर की मदद से ड्राई राशन पैकेट का ड्रापिंग कल भी कराया जायेगा। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।