बिहार में पर्यटन की काफी संभावना–वेकेंट नारायण

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संवाददाता.पटना.वैश्विक महामारी ‘ कोरोना संक्रमण संकट में यूथ होस्टल्स एशोसिएशन ऑफ इंडिया की चुनौतियां “ विषय को लेकर ,राष्ट्रीय चेयरमैन बिहार स्टेट काउन्सिल मेंबर्स और विभिन्न कमिटी सदस्यों के साथ वर्चुअल मीटिंग किया | इस में राष्ट्रीय चेयरमैन वैकेंट नारायण ,मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रुपेश कुमार पाण्डेय आदि ने कहा कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक के धरोहर बिहार में पर्यटन की अपार संभावना है,इस से देश के खास कर नयी पीढ़ियों को परिचित कराने की जरुरत है |

उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा,सामाजिक और आर्थिक विकास आदि में उपयोगी साबित होगा | इस में राष्ट्रीय कमिटी हर संभव सहयोग भी अपने स्तर पर करेगी | इस वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व के साथ अपने देश आदि सहित यूथ होस्टल्स एशोसिएशन ऑफ  इंडिया को भी खास कर आर्थिक संकट में डाल दिया है,यह स्थित अभी भी जारी है | फिर भी हम आशावादी हैं,मन में विश्वास है , इस संकट के बादल छटेंगे ,फिर से आकाश नीले होंगे,उन पथरीली रस्ते में फिर से फुल खिलेंगे और फिर से हम होंगे कामयाब एक दिन  | कोरोना संकट के बादल छटने के बाद संभावना है, नये साल में हमें फिर से ट्रैकिंग,पर्यटन एवं अन्य सारे कार्यक्रमों को चला कर, इस आर्थिक संकट से निकलने के लिए अभी से तैयारी शुरू करने की जरुरत है | साथ में सदस्यता अभियान में अब और भी तेजी लाने की जरुरत है |

उन्होंने कहा कि बिहार पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों, शिक्षा,धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का केन्द्र रहा है। यहाँ की परम्पराएं, संस्कृति, रीति-रिवाज और जीवन-पद्धतियां, मेले, पर्व, त्योहार हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं। लाखों पर्यटक इन्हें देखने आते हैं। भारत के कुछ महान राजाओं जैसे समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त मौर्य, विेक्रमादित्य और अशोक के शासन में बिहार शक्ति, संस्कृति और शिक्षा का केन्द्र बन गया। यहां उस समय के दो महान शिक्षा केन्द्र भी थे, विक्रमशिला और नालंदा विश्वविद्यालय। बिहार में आज भी यहां के 3,000 साल पुराने इतिहास की गवाही देते कई प्राचीन स्मारक मौजूद हैं | राज्य में स्थित महाबोधि मंदिर को यूनेस्को द्वारा विरासत स्थल घोषित किया गया है।पावापुरी जहां भगवान महावीर ने अंतिम सांस ली और निर्वाण को प्राप्‍त हुए, बोधगया, विक्रमशिला उच्‍च शिक्षा के बौद्ध विश्‍वविद्यालय के अवशेष, पटना पाटलीपुत्र का प्राचीन नगर और सासाराम शेरशाह सूरी का मक़बरा और मधुबनी।

बिहार की संस्कृति एक महान ऐतिहासिक अतीत की विरासत है। दीवाली के अलावा कुछ ऐसे त्यौहार हैं जो सिर्फ बिहार में ही मनाए छठ , समा चाकेवा ,मकर संक्राति ,‘सोहर’ ‘सुमंगली’ , ‘कटनीगीत’ सहित बिहार की कुछ प्रसिद्ध लोक नृत्य शैलियां गोंड नाच, धोबी नाच, झूमर नाच, जितिया नाच आदि हैं।

यह राज्य भाषाई तौर पर काफी प्रभावकारी है क्योंकि यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं, जैसे भोजपुरी, मैथिली, मगही, बज्जिका और अंगिका। । इस मौके पर बिहार स्टेट ब्रांच के चेयरमैन केएन भारत,अध्यक्ष मोहन कुमार ,सचिव एके बोस,संगठन सचिव सुधीर मधुकर,आरके प्रसाद,रामायण प्रसाद,रतन मिश्रा, ,अमर भूषण,सिद्धार्थ प्रसाद,अनिल कुमार, आलोक,प्रभात रंजन, ओसीन ,एम आई दिनेश आदि ने बिहार में कोरोना संकट के बाद ट्रैकिंग और पर्यटन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के साथ साथ सदस्यता अभियान में तेजी लाने और एशोसिएशन को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया है | कोरोना संक्रमण के रोकथाम को लेकर किये गए और किये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी की भी दिया गया | आम्रपाली यूनिट की संतोष भारत,मीना सिंह,ऋचा आनंद,सोनाली चक्रबर्ती आदि ने भी एशोसिएशन को हर संभव सहयोग करने का  भरोसा दी |  सुधीर मधुकर ने खास कर बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ आर्थिक उपार्जन के द्रष्टिकोण से लाभकारी साबित होने वाला राष्ट्रीय कमिटी से प्रस्तावित बौद्धगया में यूथ होस्टल की मांग को फिर से दुहराया |

राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मनोज जोहरी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण,खास कर ट्रैकिंग और पर्यटन कार्यक्रम को स्थिगित किये जाने से कुल 4.5 करोड़ का कार्यक्रम प्रभावित हुआ है | इस से बहुत बड़ा नुकशान भी हुआ है | फिलहाल सदस्यता अभियान में तेजी लाने की जरुरत है | अब व्हाट्सप पर फॉर्म ,आधार कार्ड, फोटो,जमा राशि रशीद आदि फोटो खींच कर भेज देने पर 3 से 4 दिन में सदस्यता कार्ड बन जायेगा | इसका सबों ने प्रशंसा की है |

राष्ट्रीय कमिटी चेयरमैन श्री नारायण और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री  पाण्डेय ने कहा कि कोरोना ने आर्थिक संकट के साथ-साथ मानव जीवन और उसे के पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को भी प्रभावित किया है | इस में एशोसिएशन की गतिविधियाँ और निर्धारित ट्रैकिंग,पर्यटन आदि कार्यक्रम प्रभावित होने से काफी नुकशान भी उठाना पड़ रहा है | अब इस संकट से बाहर निकलने के लिए आगे के चुनौतियों को चैलेज के रूप में लेकर, अपना सामाजिक चरित्र स्थापित करते हुए, कामयाबी हासिल करना होगा | इस के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रम तैयार कर उस पर, तन-मन-धन से अमल करने की जरुरत है | उहोंने कहा कि एशोसिएशन आर्थिक संकट के वाबजूद ,कोरोना के रोकथाम और सामाजिक कार्यों के लिए सदस्यों की ओर से दिए गए सहयोग राशि से हर संभव दिया गया और आगे भी दिया जायेगा |

उन्होंने कहा कि इस आर्थिक संकट से निकलने के साथ-साथ यूथ होस्टल्स एशोसिएशन के मिशन और कार्यक्रमों को योजना बना कर पूरा किया जायेगा | अगर इस साल के अंत-अंत तक भी ,कोरोना संकट दूर हुआ तो इस के लिए ट्रैकिंग,पर्यटन आदि कार्यक्रम बिहार सहित मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश,गुजरात,महराष्ट्र,कर्नाटक,शिमला,ऊंटी ,नैनीताल,कुल्लु मनाली के साथ अन्य राज्यों में भी आयोजित किया जायेगा | साथ ही इस में चारोधाम की यात्रा को भी शामिल किया गया है |  पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को फिर से स्थापित करने के लिए एक योजना तैयार किया गया है | इस में एशोसिएशन के सदस्य ही अन्य राज्यों से आने वाले खास कर ५५ वर्ष से ऊपर के सदस्य परिवारों को अपने घरों में रख कर उसे अपने यहाँ के पर्यटन ,धार्मिक आदि स्थलों का भी दर्शन कराएँगे | उसी के घरों में रह कर दूसरे के रहन-सहन,खानपान ,भाषा,कला-संस्कृति आदि से परिचित भी होंगे |

इस के अलावा कला और कलाकार को बढ़ावा देने के लिए गीत-संगीत और नृत्य का वर्चुअल कार्यक्रम भी तैयार किया जाना है | इस के सभी राज्यों के कलाकारों के प्रस्तुतियों का 4 से 5 मिनट का वीडियो तैयार कर इसकी प्रस्तुती की जाएगी | विभिन्न विषयों पर संवाद की आयोजित किय जायेगे | अंत में कहा कि कोरोना संक्रमण के इस संकट दौर में स्वयं सुरक्षित रहें और दूसरों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा का ख्याल रखे हुए, सरकार और प्रशासन के दिशा निर्देश का पालन करते हुए,जीवन रक्षक के रूप में मास्क पहलने,सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और समय-समय पर हाथ को धोते भी रहें | इसे डरे नहीं,सावधान रह कर मन में भरोसा और विश्वास बनाये रखें,कोरोना संकट दूर होगा और फिर से हम जरुर कामयाब होंगे |

 

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