संवाददाता.पटना.कोरोना संकट में केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे कामों की तारीफ करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि कोरोना संकट की शुरुआत में भारत में इस महामारी के प्रसार को लेकर लोग काफी डरे हुए थे. बड़े-बड़े विशेषज्ञों के बयान आ रहे थे, जो भारत की बड़ी आबादी और इस उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे. लेकिन प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की तत्परता और लोगों के सहयोग और परिश्रम ने सारी आशंकाओं को धवस्त कर दिया. आज लगभग 63% की रिकवरी रेट के साथ, कोरोना के खिलाफ जारी जंग में भारत की स्थिति अपने से कहीं ज्यादा विकसित देशों से भी काफ़ी बेहतर मानी जा रही है.
केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे कामों पर बोलते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ कोरोना संकट के इस दौर में मौजूदा सरकार एक साथ कई मोर्चों पर सक्रिय है. जहां एक तरफ हमारे विशेषज्ञ इस महामारी का इलाज ढूंढने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने का काम भी लगातार जारी है. गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों, यानी अमेरिका की आबादी से दुगने से भी अधिक लोगों को निशुल्क खाद्यानों की आपूर्ति की जा रही है, वहीं गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी मजदूरों को उनके गृहजिलों में रोजगार दिलाने की मुहीम भी निरंतर चल रही है. इसके अलावा ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं के तहत देश के घरेलू उद्योग धंधों को और सशक्त बनाने की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं.”
बिहार सरकार और रेलवे की प्रशंसा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ कोरोना से जारी इस जंग में लोगों की सहायता के लिए बिहार सरकार ने भी अभूतपूर्व प्रयास किये हैं. सीमित संसाधनों के बावजूद बिहार ने प्रवासियों को राहत पहुँचाने और उनकी स्किल मैपिंग के जरिए उन्हें रोजगार मुहैया कराने की दिशा में बेहतरीन काम किया है. सरकार की तत्परता से राज्य में ट्रूनेट और अन्य मशीनों के जरिये कोरोना जांच की गति भी काफी तेज हो गयी है. इसके अलावा रेलवे ने भी अपने आइसोलेशन कोचो के जरिये इस लड़ाई को काफी मजबूत किया है, जिसके लिए लोग उनके शुक्रगुजार रहेंगे.”
विपक्ष को कोसते हुए डॉ जायसवाल ने कहा “ आपदा के इस दौर में विपक्षी पार्टियों का रवैया सबसे ज्यादा निराश करने वाला रहा है. ऐसी गंभीर परिस्थिति में बेवजह की राजनीति करने से बाज नहीं आने वाले इन दलों ने यह साबित कर दिया है कि इनके लिए अपना हित, देश और जनता के हितों से कहीं ज्यादा है. लोग मरें या जियें, इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है, बस इनकी राजनीति चमकनी चाहिए. यही वजह है कि पूरे लॉकडाउन में जनता को राहत पहुँचाने में इनकी सहभागिता शून्य रही, लेकिन राजनीतिक स्टंट करने में यह सबसे आगे दिखे. वास्तव में कोरोना संकट ने इन दलों को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है.”