चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें देशवासी-पप्पू यादव

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संवाददाता.पटना.लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुए विवाद में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए है और सीमा पर तनातनी बनी हुई है. इसको लेकर देशभर में चीन के खिलाफ आक्रोश का माहौल है. जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव पटना में बुधवार को सड़क पर उतरे । दुकानदार और आमलोगों से चीनी सामानों का बहिष्कार करने की अपील की. उन्होंने भारत सरकार से अपील की, “हमारे जवानों की शहादत का बदला लिया जाना चाहिए. भारत को चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए.”
पप्पू यादव सबसे पहले हरी निवास काम्प्लेक्स पहुचें और वहां दुकानदारों से चीनी सामान न बेचने की अपील की. उन्होंने कहा कि, “मैं सभी दुकानदारों से अपील करता हूँ कि आप चीन के सामान को न बेचें. चीन ने हमारे 20 जवानों की जान ली है. हम चीन के सामान का उपयोग कर उसका व्यापार बढ़ा रहे है और इससे उसकी आर्थिक वृद्धि हो रही है. फिर इन्हीं पैसों का उपयोग चीन हमारे देश के खिलाफ करता है.”
उन्होंने कहा ,“भारत में चीन के कुछ नुमाइंदें बैठे है जो चीनी कम्पनियों को कॉन्ट्रैक्ट देते है और भारतीय सम्मान के साथ सौदा करता है. अभी कुछ दिनों पहले टनल बनाने का 1,126 करोड़ का ठेका एक चीनी कम्पनी को दिया गया है. पूरी दुनिया में चीन की कम्पनी हुवावे पर आरोप है कि यह कम्पनी दूसरे देशों के नागरिकों का डाटा चुराकर चीनी सरकार को देती है. लेकिन इसके बावजूद भारत में इस कंपनी को 5जी ट्रायल की अनुमति दे दी गई है. देश की जनता ये सब बर्दाश्त नहीं करेगी और चीन को कड़ा जवाब मिलेगा.”
नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, “पिछले 6 साल में केंद्र सरकार चीन के लिए एक कारगर विदेश नीति नहीं बना पाई है जिससे कि चीन को सबक सिखाया जा सकें. जाप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने कहा कि, “चीन के सामान खरीद कर हम अपने ही पैरों  पर कुल्हाड़ी मार रहे है. अब वक्त हैं मेड इन इंडिया निर्मित वस्तुओं को उपयोग में लाए। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू ने कहा कि, “चीन ने हमारे पीठ में चाकू मारा है.  अभी समय है चीन को सबक सिखाने का. इस विरोध मार्च में एजाज अहमद, राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा, नवलकिशोर यादव, हरेराम महतो अकबर अली परवेज, अरुण सिंह, हरेंद्र मिश्रा, राजीव मिश्रा, विशाल कुमार सहित सैकड़ों जाप नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

 

 

 

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