आइसोलेशन केन्द्रों में बेड्स की संख्या 40 हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य-मुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना. बिहार में आइसोलेशन केन्द्रों का विस्तार किया गया है। वैसे सरकारी भवन जो अभी कार्यरत नहीं हैं के साथ-साथ निजी व्यावसायिक भवनों में आइसोलेशन केन्द्र खोले जा रहे हैं। अब तक आइसोलेशन केन्द्रों में 13,496 बेड्स की उपलब्धता है जिसे 40 हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना से संक्रमित गैर लक्षणों वाले लोगों को आइसोलेशन केन्द्रों पर रखा जायेगा। जिनलोगों में कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण हों उन्हें अनुमंडल स्तर पर बनाये गये कोविड हेल्थ सेंटरों में रखा जायेगा वहीं कोरोना से ज्यादा बीमार लोगों को डेडिकेटेड कोविड हास्पीटल में रखा जायेगा। एनएमसीएच, पटना, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज भागलपुर एवं अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज गया को डेडिकेटेड कोविड हास्पीटल के रूप में चिन्ह्ति किया गया है, जहां कोरोना से प्रभावित लोगों के लिये 2,344 बेड्स की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो कान्फ्रेंसिंग एवं वेब कास्टिंग के माध्यम से कोरोना वायरस उन्मूलन कार्यक्रम को प्रभावी रूप से जन-जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान के संबंध में त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधियों, नगर निकाय के प्रतिनिधियों, जीविका दीदियों, सरकारी अधिकारियों, कर्मियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से संवाद किया। 

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि कोरोना संक्रमण से हमें डरना नहीं है बल्कि सजग और सचेत रहना है। हर स्तर पर बैठक कर कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर पहले भी समीक्षा की गयी है। गांव में रहने वाले सभी लोगों, जनप्रतिनिधियों में बड़ी जागरूकता है। मास्क पहनना लोगों की रक्षा के लिये जरूरी है। बिहार में मास्क की कोई कमी नहीं है। बड़े पैमाने पर मास्क बनाये जा रहे हैं। जीविका की दीदियां एवं क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं। सभी ग्राम पंचायतों में प्रत्येक परिवार को चार मास्क एवं साबुन निःशुल्क वितरित किया जा रहा है। शहर में भी रह रहे गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों के बीच मास्क का निःशुल्क वितरण किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों की नियमित जांच हो। होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की पल्स पोलियो की तर्ज पर नियमित स्क्रीनिंग की जाय, उन पर नजर रखी जाय। कोरोना से संक्रमित बहुत से लोगों में लक्षणों का पता नहीं चलता है इसलिये उनकी सतत निगरानी आवश्यक है। जो भी व्यक्ति कोरोना पाजिटिव मिलते हैं उन्हें आइसोलेशन केन्द्रों पर रखा जाय।क्वारंटाइन केन्द्रों में बाहर से आये लोगों को 14 दिनों तक रखा जा रहा है। इन पर सरकार द्वारा औसतन प्रति व्यक्ति 5,300 रूपये व्यय किये जा रहे हैं। बिहार से बाहर रह रहे बिहार के लोगों को वहां काफी कष्ट सहना पड़ा। वहां की अधिकांश निजी कम्पनियों ने जहां वे कार्यरत थे उनका ध्यान नहीं रखा। इससे हमें काफी कष्ट हुआ है। हम चाहते हैं कि किसी को भी मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े, सभी को यहीं रोजगार मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा बाहर फंसे लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजनान्तर्गत अब तक 20 लाख से अधिक लोगों को प्रति व्यक्ति 1,000 रूपये की राशि की मदद दी गयी। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी राशन कार्डधारियों को एवं राशन कार्ड के लिये चिन्ह्ति परिवारों को भी प्रति परिवार 1,000 रूपये की राशि दी गयी। अब तक 1 करोड़ 41 लाख राशन कार्डधारी तथा 21 लाख गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य चिन्ह्ति परिवारों को यह सहायता प्रदान की गयी है। अब तक इस मद में 1,620 करोड़ रूपये व्यय किये गये हैं। सभी चिन्ह्ति लोगों के राशन कार्ड बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति, पोशाक एवं अन्य योजनाओं के अन्तर्गत 3261 करोड़ रूपये व्यय किये गये हैं। बिहार के 85 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को तीन महीने का अग्रिम भुगतान किया गया है। इस मद में सरकार ने 1,017 करोड़ रूपये खर्च किये हैं। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 200 से अधिक आपदा केन्द्र चलाये गये जिससे प्रति दिन लगभग 74 हजार लोग लाभान्वित हुये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, मार्च एवं अप्रैल महीने में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से हुयी फसल क्षति के अनुदान के लिये 730 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गयी है। अब तक 12 लाख 35 हजार किसानों के बीच 417 करोड़ रूपये कृषि इनपुट सब्सिडी के रूप में वितरण किया गया है। शेष किसानों के खातों में भी जांचोपरांत राशि अंतरित की जा रही है। सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है। कोरोनो उन्मूलन कोष में 180 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध है। इस कोष की राशि से दवा, जरूरी मशीनें, टेस्ट किट्स आदि सामग्री का क्रय स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिये हमने शुरू से काम किया है। कोरोना संक्रमण को भी आपदा मानते हुये लोगों को राहत पहुंचाई गयी। सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान अब तक सरकार द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिये 8 हजार 538 करोड़ 52 लाख रूपये व्यय किये गये हैं।

सभी लोग एक दूसरे का ध्यान रखें। किसी की भी तबियत खराब होती है तो उसकी जांच करायें। ग्रामीण चिकित्सक भी इसका ध्यान रखें। बीमारी के लक्षण दिखने पर लोगों को जांच कराने के लिये प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग, गर्भवती महिलायें, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखें। इनमें कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि लोगों को माइकिंग एवं अन्य माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान को निरंतर चलाते रहना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां रह रहे लोगों एवं बाहर से आये लोगों के रोजगार के लिये सरकार निरंतर प्रयासरत है। हम चाहते हैं कि सभी को यहीं रोजगार मिले। किसी को मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े। व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये सभी विभागों को निर्देश दिया गया है। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमिटी का गठन किया गया है। बाहर से आये बिहार के लोगों का स्किल सर्वे कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भी लोगों की मदद की जा रही है। केंद्र सरकार ने जन धन योजना अंतर्गत 500 रूपये की राशि खाताधारियों के खाते में अंतरित की है, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को तीन निःशुल्क गैस सिलिंडर उपलब्ध कराये जा रहे हंै। उन्होंने कहा कि राशन कार्डधारियों को 3 माह का खाद्यान्न जिसमे प्रतिमाह पांच किलोग्राम गेहूं/चावल और एक किलोग्राम दाल दिया जा रहा है। केन्द्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों के खाते में 1,000 रूपये की राशि अंतरित की गयी है। स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुये कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें,  कोरोना संक्रमण से बचाव का यही प्रभावी उपाय है। कोरोना से बचाव के लिये सभी लोग मास्क जरूर पहनें। हर जगह साफ-सफाई का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि पूर्वी देशों जैसे जापान में मास्क लगाने की परंपरा पहले से ही है इसलिये वहां कोरोना संक्रमण के मामले कम हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश एक है, नागरिकता एक है यहां कोई प्रवासी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है लोगों की सेवा करना। समाज में विवाद नहीं हो, आपस में प्रेम, भाईचारा एवं सद्भाव का माहौल रहे। हम सब साथ मिलकर ऐसा माहौल बनायेंगे कि बिहार में कोई संकट उत्पन्न नहीं हो।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री  मंगल पाण्डेय ने भी संबोधित किया।

 

 

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