संवाददाता.पटना. मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा प्रदेश डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि मोदी 2.0 का पहला साल देश के इतिहास में हमेशा के लिए अंकित हो गया है. यह एक साल देश के सभी राजनीतिक दलों के लिए एक मिसाल के समान है कि काम करने वाली सरकार कैसी होती है. इस एक वर्ष में अपने लिए गये निर्णयों के जरिये केंद्र ने यह साबित किया है कि यह सरकार पहले की तरह कांग्रेसी सरकारों की तरह चुनौतियों से भागने वाली नहीं, बल्कि 56 इंच का सीना तान, उन चुनौतियों को मुहतोड़ जवाब देने वाली सरकार है.
डॉ जायसवाल ने कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही धारा 370 जैसी दशकों से व्याप्त समस्या पर संवैधानिक सर्जिकल स्ट्राइक कर के अपने मंसूबे जाहिर कर दिए थे. ‘एक देश, एक विधान और एक निशान’ के दशकों पुराने संकल्प को पूरा कर के देश के टुकड़े-टुकड़े करने का ख्वाब संजोने वाले तत्वों को यह साफ कर दिया था कि भारत अब बदल चुका है. बाद में तीन तलाक जैसी सदियों पुरानी जैसी क्रूर और अमानवीय प्रथा की समाप्ति, राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ होने, आतंक पर कड़े प्रहार के लिए यूएपीए बिल को मंजूरी आदि कई ऐसे काम हुए जिसने लोगों के मन में नई उम्मीदों को जन्म दिया. इसके अलावा मोदी सरकार ने गरीबों, किसानों और व्यापारियों के कल्याण के लिए कई ऐसी पथ प्रदर्शक और क्रांतिकारी योजनाओं की शुरुआत की हैं, जिनमें देश को बदलने और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की क्षमता है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “मोदी सरकार के इसी एक वर्ष में देश को कोरोना संकट से भी जूझना पड़ा, लेकिन प्रधानमन्त्री जी सजगता और दूरदर्शिता के कारण आज भारत की स्थिति अमेरिका, फ़्रांस, ब्रिटेन सरीखे देशों से भी बेहतर रही. आपदा के लोगों को राहत देने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की गयी, जिसके तहत 20 लाख करोड़ के पैकेज का एलान किया गया. इसके तहत प्रधानमंत्री मोदी जी ने लैंड, लेबर, लिक्विडटी के साथ-साथ इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड जैसे पांच पिलरों को मजबूती देने का जो आह्वान किया है, उससे न केवल आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है बल्कि देश को बुलंदी पर पहुंचाने में भी काफी मदद मिलेगी. इस योजना के जरिए हर क्षेत्र में स्वदेशी वस्तुओं को देश में बढ़ावा मिलेगा. इसीलिए सरकार के आर्थिक पैकेज में कुटीर उद्योगों, लघु व मंझोले उद्योगों और किसानों पर खास फोकस किया गया है.वास्तव में इस एक वर्ष में केंद्र सरकार ने जो खाका खींचा है, उसके काफी दूरगामी परिणाम आने वाले हैं. सरकार ने अपने निर्णयों से यह साबित किया है कि अगर काम करने की मंशा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.”