इशान दत्त.
पटना.कोरोना के कारण लंबे समय तक लॉकडाउन की स्थिति में जब उद्योग-व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है तब केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक को आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए नई रणनीति बनानी पड़ रही है.इसी क्रम में बिहार सरकार भी नई तैयारी शुरू कर दी है.
उद्योग विभाग के सूत्रों के अनुसार बिहार राज्य के खादी कपड़े, सिल्क कपड़े एवं बिहार हस्तशिल्प कलाओं के लिए अलग अलग ऐप बनाया जायेगा. इस ऐप की तैयारी जल्द से जल्द किया जा रहा है ताकि बिहार के इन वस्तुओं का प्रचार-प्रसार किया जा सके.
दरअसल बिहार में बने स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसी सिलसिले में उद्योग मंत्री श्याम रजक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिला के महाप्रबंधकों से पूछा कि उनके जिले में कौन-कौन से स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण हो सकता है उसको किस तरह बढ़ावा दिया जा सकता है.
उद्योग विभाग ने यह भी तय किया कि इसके तहत बिहार के ऐसे सामानों की बिक्री को और बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा जिसकी मांग देश और दुनिया में है.साथ ही साथ महाप्रबंधकों को ये भी निर्देश दिया कि जो प्रवासी मजदूर, कारीगर बाहर से आये हैं उन्हें जल्द से जल्द स्किल मैपिंग का कार्य पूरा किया जाय. जो जिस ट्रेड से संबंधित हैं उनको रोजगार मुहैया कराने का अवसर दिया जाए.
बिहार में बनी स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के उद्योग विभाग के पहल का बिहार चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के प्रेसीडेंट पी के अग्रवाल ने भी स्वागत किया है और इसे बिहार के लोकल बिजनेस को बढ़ावा देने वाला क़दम बताया है.इसके साथ-साथ बिहारी सामान ज़्यादा से ज़्यादा देश तक पहुंचेगी ये उम्मीद भी जतायी है.