नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से बताया कि कैसे यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा और देश की विकास यात्रा को नई गति देगा.
15 हजार रुपये से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता मिलेगी. सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी. इसके लिए सरकार की ओर से 2,500 करोड़ की मदद दी जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है. यह कदम नियोक्ताओं के लिए उठाया गया है.
वित्तमंत्री ने कहा पहले सिर्फ निवेश के आधार पर एमएसएमई की परिभाषा तय की जाती थी, पर अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी. ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को भी एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा. माइक्रो यूनिट में 25 हजार रुपये तक का निवेश माना जाता था. इसे बदलकर 1 करोड़ रुपये किया गया है. साथ ही अगर टर्नओवर 5 करोड़ तक का है, तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे. इससे एमएसएमई का बिजनेस करना आसान होगा और आत्मनिर्भर भारत अब मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा.
जिस एमएसएमई का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं. जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना होगा. आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई के लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है, जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी. जिस एमएसएमई का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं. जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना होगा. आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई के लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है, जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी.
एमएसएमई को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा. एमएसएमई के लिए सरकार छह कदम उठाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी. बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा और 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा. इन्हें एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा. तनाव वाली एमएसएमई को 20,000 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा.
कोरोना के कारण जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, सरकार 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आई. हमने यह सुनिश्चित किया कि देश का कोई गरीब, किसान और मजदूर भूखा ना रहे. पहली बार जब राहत पैकेज की घोषणा की गई थी उसमें 41 करोड़ अकाउंट्स में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे मदद पहुंचाई गई.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने निर्देश दिया है कि प्रतिदिन अलग-अलग सेक्टर को लेकर जानकारी दी जाएगी. डिमांड को कैसे बढ़ाना है, डिमांड सप्लाई चेन कैसे बनी रहे और अर्थव्यवस्था कैसे दुरुस्त रहे इस पर काम करने की जरूरत है. गरीबों के खाते में सीधा पैसा पहुंच रहा है. डीबीटी के जरिए हमारी सरकार गरीबों तक मदद पहुंचाने का काम कर रही है.
आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है, उसने देशवासियों में नई ऊर्जा भर दी है. लोग संकट में भी अवर देख रहे हैं. भारत की कंपनियों ने दुनिया में दवाइयां पहुंचाई, जिसकी काफी प्रशंसा हुई. जब तक भारत आत्मनिर्भर नहीं हो जाता, इस दिशा में काम होता रहेगा.