संवाददाता.पटना. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के परिवहन नोडल पदाधिकारी से अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार रविवार को बिहार आने वाली ट्रेनों की संख्या 14 है, जिसके माध्यम से 14,245 लोग आ रहे हैं। कल आने वाली प्रस्तावित ट्रेनों की संख्या 20 है, जिससे 23,540 लोग आयेंगे। इस प्रकार 9 मई तक बिहार आने वाली ट्रेनों की संख्या 83 हो गयी है, जिसके माध्यम से 1 लाख 2 हजार 196 लोग बिहार आ चुके हैं। अभी तक अन्य राज्यों के साथ समन्वय कर 86 और ट्रेनों का शिड्यूल तय कर दिया गया है तथा यह प्रक्रिया जारी है। कुल 169 ट्रेनों की व्यवस्था की जा चुकी है, जिससे 2 लाख 22 हजार 596 लोग बिहार पहुंचेंगे। अन्य राज्यों के साथ आवश्यक समन्वय किया जा रहा है। जैसे-जैसे ट्रेनें तय होंगी इसकी जानकारी दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि मुंबई से प्रतिदिन 3 ट्रेनों के परिचालन कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। फिलहाल मुंबई से प्रतिदिन 2 ट्रेनें बिहार के लिए चलाने का प्रस्ताव था। कोटा (राजस्थान) में अभी भी जो छात्र फंसे हुए हैं उन्हें भी बिहार लाने की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह एवं अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति एवं लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के संबंध में मीडियाकर्मियों को जानकारी दी।
सचिव सूचना एवं जन-संपर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री के स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है और लोगों को सहायता प्रदान करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि स्किल सर्वे के आधार पर रोजगार सृजन की कार्रवाई तेज की जाय, आवश्यकतानुसार इनसे संबंधित निर्माण इकाईयों की स्थापना राज्य में ही करने हेतु समुचित कार्रवाई की जाय ताकि यहीं पर श्रमिकों को स्थायी रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर में दरी, बिछावन, मच्छरदानी, मास्किटो क्वायल की समुचित व्यवस्था हो ताकि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। क्वारंटाइन सेंटर पर महिलाओं एवं बच्चों के लिये अलग व्यवस्था रखी जाय ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि बाहर से पैदल चलकर आने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। पैदल चलने वाले लोग अपने निकटतम प्रखण्ड/थाने में पहुंचकर सूचना दें ताकि उन्हें आसानी से उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन के लिए 3 लाख 47 हजार 157 योजनायें चल रही हैं और अब तक 1 करोड़ 59 लाख 45 हजार से ज्यादा मानव दिवस सृजित किये गये हैं। अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। लॉकडाउन को देखते हुए अधिक से अधिक लोगों तक राहत पहुंचायी जा रही है।
सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि लोगों को हर स्तर पर राहत देने के लिये सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत केन्द्रों की संख्या 172 हो गयी है, जहां लगभग 72 हजार लोग आवासित हैं। क्वारंटाइन केन्द्रों पर सभी लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। ब्लॉक क्वारंटाइन केन्द्रों की संख्या अभी 3,474 है, जिसमें 98,814 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि बिहार के जो लोग बाहर फॅसे हुये हैं, वे लोग मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार भवन के स्थानिक आयुक्त के कार्यालय में फोन कर अपनी समस्यायें बता रहे हैं। फोन पर प्राप्त सूचना के आधार पर अधिकारी रोजाना लोगों से फीडबैक प्राप्त कर रहे हैं और उसके आधार पर लोगों की समस्याओं का संबंधित राज्य सरकारों तथा जिला प्रशासन से समन्वय कर समाधान किया जा रहा है। अब तक 1 लाख 90 हजार कॉल/मैसेज प्राप्त हुये हैं। इनमें 18 लाख 44 हजार से ज्यादा लोग सम्मिलित हैं। लोगों से फीडबैक लेकर उनकी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना के 68 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं और अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 653 हो गयी है। 24 घंटे में 36 लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौटे हैं। अब तक कुल 354 लोग स्वस्थ हुये हैं। राज्य में अब तक जितने कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाये गये हैं, उनमें स्वस्थ होने वाले लोगों का प्रतिषत 54 है। पटना जिले में 24 घंटे में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हुई है जो पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे और उनमें कोरोना संक्रमण की भी पुष्टि हुई है। बिहार में अब तक कुल 6 लोगों की मौत हुई है। इस प्रकार बिहार में फिलहाल कोरोना संक्रमण के 293 एक्टिव मामले हैं। बिहार के 38 जिलों में से 37 जिले कोविड-19 की चपेट में हैं। अब तक कुल 32,670 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। कोरोना की जांच के लिये 7 लैब काम कर रही हैं और इससे जांच में तेजी आयी है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बिहार में अब तक बाहर से जो लोग आये हैं, उनमें से 142 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये हैं। 4 मई से अब तक महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आने वाले 85 प्रवासियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है जिनमें महाराष्ट्र के 30, गुजरात के 22, दिल्ली के 8 एवं अन्य राज्यों से बिहार आने वाले लोग शामिल हैं।
सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि राज्य के तीन अस्पतालों- एन0एम0सी0एच0 पटना, ए0एन0एम0 सी0 एच0 गया, भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय को कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है। अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासियों के लिए ब्लॉक स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर उनके क्वारंटाइन करने की व्यवस्था की गयी है। विभिन्न जिलों में कोविड केयर सेंटर में भी आइसोलेशन वार्ड की संख्या बढ़ायी गयी है। कोरोना प्रभावित जिलों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय श्री जितेन्द्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराया जा रहा है। अब तक कुल 1,956 एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी हैं और 1,985 लोगों की गिरफ्तारियां हुयी हैं। 64,557 वाहन जब्त किये गये हैं। अब तक इससे कुल 14 करोड़ 61 लाख 46 हजार 714 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। पिछले 24 घंटे में अवरोध पैदा करने के कारण 19 एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी हैं और 24 लोगों की गिरफ्तारियां हुयी हैं। 1,251 वाहन जब्त किये गये हैं और 31 लाख 48 हजार 600 रूपये जुर्माने के रूप में वसूल किये गये हैं। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और लॉकडाउन का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।