संवाददाता.पटना. औरंगाबाद में 16 मजदूर मरे नहीं, मारे गए हैं। कोई भी मजदूर ट्रैक पर क्यों सोएगा? दो ट्रैक के बीच में जगह होती है, उस पर सो सकता हैं। उन लोगों ने ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या की है। इसके लिए मजबूर उन्हें सरकार ने किया। यह सरकार की विफलताओं का नतीजा है। उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कही।
उन्होंने घर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के बारे में कहा कि, जो हाथ कभी काम करने के लिए उठते थे, वो हाथ आज खाना मांगने के लिए उठ रहे हैं। गरीबों को यह सरकार सिर्फ वोट देने वाली मशीन समझती हैं। श्री यादव ने कहा कि रामविलास पासवान ने खुद माना है कि 15 लाख बिहार के लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ नहीं मिल रहा, क्योंकि बिहार सरकार द्वारा भेजे गए लिस्ट में उनका नाम नहीं है। नीतीश कुमार की सरकार समय पर लिस्ट भी अपडेट नहीं कर रही है और इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा हैं। केंद्र सरकार ने जो एक किलो दाल देने की बात कही थी, वो भी अभी तक किसी को नहीं मिला।