संवाददाता.पटना. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह प्रवासी बिहारियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझने की भूल न करे। साथ ही उन्होंने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से उनके बड़बोलेपन से परहेज करने का आग्रह किया है।
राजद नेता ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के समय से ही दूसरे प्रदेशों मे फंसे बिहार के मजदूरों और छात्रों के प्रति बिहार सरकार का रवैया काफी निराश करने वाला रहा है। पहले उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा दबाव बनाने के बाद जो हेल्पलाइन नम्बर जारी किये गये, वह कोई काम हीं नहीं कर रहा था और बिहार वापस लाने के नाम पर केवल बहानेबाजी की गई। केन्द्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार जब राज्य सरकारों को दूसरे प्रदेशों मे फंसे अपने प्रदेश के लोगों को वापस ले जाने की छूट दे दी गई तो राज्य सरकार द्वारा सभी प्रदेशों के लिए फोन नम्बर के साथ नये नोडेल पदाधिकारियों की घोषणा की गई। उनमें से किसी का फोन नहीं लगने की शिकायत की गई तो सरकार की ओर से कहा गया कि ओवर लोड के कारण सबों का फोन ही क्रैस हो गया है। सरकारी स्तर पर कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों को बिहार लौटने के बारे में सही जानकारी मिल सके। इसके उलट लौटने की शर्तों को इस ढंग से प्रचारित किया जा रहा है, जिससे लोगों में एक दूसरे ही किस्म का दहशत पैदा हो रहा है। जैसे रोजी-रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में गये हुए लोगों द्वारा कोई गुनाह या अपराध किया गया हो। अधिकांश कोरेंटाइन सेन्टरों पर व्यवस्था ऐसी है कि स्वस्थ व्यक्ति भी अस्वस्थ हो जाये।
राजद नेता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को अपने बड़बोलेपन से परहेज करना चाहिए। उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए गए हैं। दूसरे प्रदेशों से बिहार आने के लिए अभी तक मात्र छः ट्रेनों की घोषणा की गई है, जिससे अधिक से अधिक सात हजार लोग ही आ पाएंगे जबकि बिहार लौटने वाले की संख्या लाखों में है। सुशील मोदी एक जिम्मेवार पद पर हैं, इसलिए जिम्मेवारी के साथ उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए। एसी रूम में बैठकर केवल ट्वीट करने और बयान देने से बेहतर होगा कि वे जमीनी हकीकत को देखें। इस वैश्विक संकट का मुकाबला करने में विपक्ष बगैर किसी आरोप-प्रत्यारोप के केवल जनपक्षीय सुझाव देने के अलावा सरकार के सभी निर्णयों के साथ खड़ी रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश और प्रदेश अध्यक्ष जगदान्द सिंह के देख-रेख में राजद का एक-एक कार्यकर्ता तन-मन-धन से अपने-अपने क्षेत्रों में स्वयंसेवक बन कर खड़े रहे हैं।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह दूसरे प्रदेशों मे फंसे बिहार के लोगों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार न करे। बिहार के आर्थिक विकास में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण है।