इशान दत्त.पटना.इस बार कोरोना लॉकडाउन का लीची कारोबार पर सीधा असर पड़ता दिख रहा है।लीची के किसानों को भारी नुकसान का अनुमान है।
दरअसल पूरे देश में लगभग 1 लाख हेक्टेयर में लीची की खेती होती है और करीब 7.5 लाख टन लीची का उत्पादन होता है. पूरे देश में होने वाली लीची फसल का 40 % उत्पादन बिहार में ही होता है. ये कारोबार 1000 करोड़ से ज्यादा का है, जिसमें सिर्फ मुजफ्फपुर से ही करीब 500 करोड़ का लीची व्यापार होता है ।
इस बार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की वजह से लीची की खेती करने वाले किसानों को जबरदस्त नुकसान हो सकता है. दरअसल कई जगहों पर बगीचे मालिकों को व्यापारियों ने एडवांस तो दे दिए लेकिन लॉकडाउन के कारण वे दोबारा नहीं लौटे और न ही किसी प्रकार से संपर्क किया है ।किसान खुद तो व्यापार नहीं करते बल्कि बाहर से आए लीची व्यापारियों पर निर्भर रहते हैं ।
लॉकडाउन की वजह से इस बार व्यापारी आ नहीं रहे हैं ऐसे में लीची किसानों को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है । कोरोना के कारण बाजार खुलने के आसार नहीं दिख रहे हैं । ऐसे में लीची का कारोबार पूरी तरह चौपट हो जाएगा।
यही नहीं लीची उत्पादन के साथ मधुमक्खी पालक अपनी मधुमक्खियों को लेकर बिहार के लीची के बागों में पहुंच जाते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से नहीं पहुंच पाए हैं ।
मुजफ्फरपुर लीची अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ विशाल नाथ के अनुसार, यही सही समय होता है, जब मधुमक्खियां लीची के परागण में मदद करती हैं, बिहार के मधुमक्खी पालकों के साथ ही उत्तर प्रदेश से भी लोग आते हैं, जो इस बार नहीं आ पाएं, अगर मधुमक्खियां नहीं होंगी तो उत्पादन पर तो असर पड़ेगा ।