- अनियमित मॉनसून तथा कम वर्षा होने के कारण राज्य के 24 FCजिलों के 280 प्रखण्डों को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए वहाँ के किसानों को सिचिंत क्षेत्र के लिए 13,500 रू० प्रति हेक्टेयर तथा असिचिंत क्षेत्र के लिए 6,800 रू० प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया गया।इसके तहत 16 लाख किसानों से प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध 13.40 लाख किसानों के बैंक खाते में कुल आवंटित राशि 1430 करोड़ रू० के विरूद्ध 901 करोड़ रू० अंतरित किया गया।
- वर्ष 2018-19 में सिंचाई के लिए 350 रू० प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान को बढ़ाकर 500 रू० प्रति एकड़ प्रति सिंचाई कर दी गई है। इस वर्ष धान फसल के लिए 3 सिंचाई के बदले 5 सिंचाई तथा रबी मौसम में गेहूॅँ के लिए 3 के स्थान पर 4 एवं मक्का के लिए 2 के स्थान पर 3 सिंचाई के लिए डीजल अनुदान की स्वीकृति दी गयी।
- वर्ष 2018-19 में खरीफ मौसम में 19.38 लाख किसानों से प्राप्त ऑनलाइन आवेदन के विरूद्ध 15.64 लाख किसानों को 195.10 करोड़ रू० डीजल अनुदान का ऑनलाईन भुगतान 25 दिन की निर्धारित समय-सीमा के अन्दर किया गया। रबी मौसम के लिए भी डीजल अनुदान स्वीकृत करने की कार्रवाई की जा रही है।
- राज्य में जैविक सब्जी की खेती को बढ़ावा देने हेतु कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान की पायलट योजना पटना, नालन्दा, वैशाली तथा समस्तीपुर जिले में कार्यान्वित की गयी है तथा इसके तहत 17,666 किसानों को 10.45 करोड़ रू० अग्रिम अनुदान का भुगतान किया गया। इस योजना को वृहद पैमाने पर लागू करने के लिए 42.00 करोड़ रू० की लागत से कार्यक्रम तैयार किया गया है। वर्ष 2019-20 में 6,000 के अनुदान को बढ़ा कर 8,000 प्रति किसान किया जायेगा।
- वर्ष 2018-19 में राज्य के सभी जिलों में पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय की स्थापना हेतु 42.21 करोड़ रू० की स्वीकृति प्रदान की गयी है।