संवाददाता.पटना.वर्ड फ्लू से आतंकित मांसाहारी बिहारियों के लिए दूसरी बुरी खबर यह कि राज्य में मछली बिक्री पर रोक लगा दी गई है.बिहार में पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों की ब्रिकी पर फिलहाल 15 दिनों तक रोक लगाई गई है. इस दौरान अगर मछली बेचते हुए कोई पकड़ा गया तो उसे 7 साल की जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना देना होगा. फिलहाल यह रोक पटना नगर निगम क्षेत्र में रहेगी.
बताते चलें कि अक्टूबर 2018 में बिहार के पशुपालन विभाग से एक खबर आई थी कि जो मछलियां बिहार में बाहर से आ रही है उसे ताजा रखने के लिए जिस केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे कैंसर होने की आशंका है.10 अक्टूबर को पटना से कुल 10 नमूने एकत्रित किए गए. जिसमें 6 नमूने आंध्र प्रदेश के, 2 नमूने पश्चिम बंगाल के और 2 स्थानीय नमूने थे जिसे सेंट्रल फूड लेबोरेटरी कोलकाता भेजा गया. जांच रिपोर्ट में जो सामने आया हो सरकार के होश उड़ाने वाला था.
भेजे गए सैंपल में फॉर्मलीन तो पाया ही गया इन सबमें हैवी मेटल्स मिले. लेड, कैडमियम और मर्करी की बहुत अधिक मात्रा पाई गई. जो शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसपर रोक लगा दी है.स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कुछ आंध्र प्रदेश और बंगाल सहित बिहार की मछली के नमूनों की जांच की गई. जांच में जो रिपोर्ट आई है उसमें पता चला है कि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आनेवाली मछलियां खाने योग्य नहीं हैं. 15 दिन तक पटना में मछली बेचने पर रोक लगा दी गई है. अगर कोई ऐसा करते पाया गया तो 7 साल की जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना देना होगा.