कुख्यात नक्सली का आत्मसमर्पण,बिहार पुलिस को थी तलाश

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संवाददाता.रांची.तीन राज्यों की पुलिस उस कुख्यात नक्सली की तलाश कर रही थी। झारखंड, बिहार और छतीसगढ़ पुलिस के लिए वह सिरदर्द बन चुका था। झारखंड सरकार की ओर से उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। लेकिन झारखंड पुलिस की कोशिश रंग लायी और यह कुख्यात नक्सली आत्मसमर्पण के लिए तैयार और विवश हो गया।

झारखंड के लातेहार जिला के चंदवा का रहने वाला नक्सली कमलेश गंझू उर्फ बिरसई ने आज अपने हथियार डाल दिये। पलामू के कमिश्नर मनोज कुमार और डीआइजी विपुल शुक्ला के सामने उसने नक्सल गतिविधियों की दुनिया से खुद को अलग कर लिया। इस दौरान उसकी पत्नी राजकुमारी भी साथ थी। बिरसई वर्ष 1993 में महज 9 साल की उम्र में नक्सली संगठन में शामिल हो गया था। वर्ष 2013 में लातेहार में नक्सली हमले में शामिल रहा था। इस हमले में 17 जवान शहीद हो गये थे।  बिरसई पर लातेहार में 44 और गढ़वा में 33 संगीन मामले दर्ज हैं।

इस अवसर पर सीआरपीएफ के डीआइजी जयंत पॉल के अलावा पलामू, गढ़वा और लातेहार के एसपी के साथ-साथ पलामू रेंज के सीआरपीएफ के सभी बटालियन के कमांडेंट शामिल हुए।

बताया जाता है कि नक्सली संगठन में बिरसई मिलिट्री कमीशन का सचिव था। वह संगठन में दूसरे नम्बर की हैसियत रखता था। वह एक करोड़ का इनामी नक्सली अरविंदजी से महज एक पायदान संगठन में नीचे था।

 

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