संवाददाता.पटना.जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुजफ्फरपुर बालिकागृह बलात्कार कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और पटना के आसरा होम कांड की मुख्य आरोपी मनीषा दयाल के प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं के साथ संबंधों की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनीषा दयाल से ‘उपकृत’ सत्ता और प्रतिपक्ष दोनों दलों नेता मनीषा दयाल के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं हैं। दोनों पक्षों के नेता मनीषा दयाल को बचाने में जुटे हैं।
मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा कि मामला मुजफ्फरपुर के महापाप का हो या फिर पटना के आसरा होम के मृत्यु-लोक का, आखिर क्या कारण है कि इसके जन्म-दाता समाज कल्याण विभाग के बड़े अधिकारियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हो रही है। साफ तौर पर, कई आईएएस अधिकारी ब्रजेश ठाकुर और मनीषा दयाल के गैंग में शामिल दिख रहे हैं, तो क्या इन्हें बचाने और फाइलों से गड़बड़ी का साक्ष्य मिटाने को रेड में देरी की जा रही है। आखिर कब, सीबीआई और पटना पुलिस समाज कल्याण विभाग में रेड डालेगी ? आगे कहा कि मंजू वर्मा ने मुंह खोल दिया है। वह खुले तौर पर बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा का नाम ले रही है ।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ब्रजेश ठाकुर को सरकारी विज्ञापनों से मालामाल करने वाले सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को नीतीश कुमार किस दिन का इंतजार कर रहे हैं ? अब तो इस विभाग में रहे बड़े साहब की मैडम की तस्वीरें मनीषा दयाल के साथ भी वायरल है । उन्होंने कहा कि पटना आसरा होम, जिसे मनीषा दयाल और चिरंतन कुमार ने मृत्यु-लोक बना दिया था, ऐसा लग रहा है कि पटना पुलिस की जांच भी मनीषा दयाल के मायालोक में फंसती जा रही है ।तीन दिनों की पूछताछ में पटना पुलिस न तो इस रैकेट में शामिल दूसरी बड़ी मछलियों को पकड़ सकी है और न मनीषा दयाल की नीली दुनिया को बेपर्द कर सकी है ।
पप्पू यादव ने कहा कि मनीषा दयाल को समाज कल्याण विभाग में डायरेक्ट एंट्री दिलाने वाले आईएएस डायरेक्टर सुनील कुमार की पहचान स्पष्ट है । फिर इनके खिलाफ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है । जानकारी है कि इस देरी का फायदा उठा सुनील कुमार भ्रष्ट तरीके से अर्जित की गई बेहिसाब संपत्ति को सुरक्षित करने में लगा है । बिहार के हर घोटाले में आईएएस एसएम राजू का नाम आ ही जाता है । महादलित मिशन में घोटाला संग और न जाने कितने घोटाले बिहार में इनके नाम हो चुके हैं । अब मनीषा दयाल से भी कनेक्शन जुड़ रहा है । तो फिर, बार-बार घोटाला करने वाले एसएम राजू के खिलाफ बिहार की जांच एजेंसियां इतना कमजोर केस क्यों तैयार करती है कि बगैर जेल गए कोर्ट से रिलीफ मिल जाती है । रिलीफ मिलने तक जांच एजेंसी गिरफ्तारी भी नहीं करती । राजू के लीडरशिप में बिहार में बहुत बड़ा प्लांटेशन घोटाला भी हुआ है, इसकी व्यापक जांच नीतीश कुमार कराएं ।
उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि मनीषा दयाल – चिरंतन कुमार की पापी संस्था के अध्यक्ष का नाम नहीं खोला जा रहा है । गवर्निंग बॉडी के सदस्यों को भी नहीं बताया जा रहा । आसरा होम के मृत्य-लोक के पाप में सभी भागीदार हैं । सांसद ने कहा कि पक्की खबर है कि रिमांड में पूछताछ के दौरान जब कुछ समय के लिए मनीषा दयाल का मोबाइल खोला गया, तब भी तेजी से बड़े-बड़े फोन आने लगे । इस जांच में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए कि लेट नाईट पार्टियों में मनीषा दयाल कहाँ-कहाँ जाती थी और देर रात किनके साथ चैटिंग करती थी । समाज कल्याण विभाग के साथ कला-संस्कृति और पर्यटन विभाग की जांच भी अब जरुरी है । पटना से लेकर विदेशों तक के कई आयोजन में खास गैंग को बिहार सरकार की ओर से करोड़ों की राशि दी गई है । प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष अखलाक अहमद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुपति प्रसाद सिंह, एजाज अहमद, राघवेंद्र कुशवाहा, अकबर अली परवेज, अवधेश लालू आदि शामिल हुए।