संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज के समय में बैंकों की सेवा महत्वपूर्ण होती जा रही है। हमलोगों ने वर्ष 2006 से ही कई योजनायें बैकों के माध्यम से चलाने का प्रयास किया लेकिन उसमें उनका सहयोग नहीं मिला।बिहार में नकद भुगतान के द्वारा कई योजनाओं को क्रियान्वित किया गया। 2008 में साइकिल योजना 2000 रूपये नकद भुगतान के द्वारा शुरूआत की गई। लोगों को आशंका थी कि यह रूपया साइकिल में नहीं खर्च किया जायेगा लेकिन पहले वर्ष में इस नकद वितरण के द्वारा 96 प्रतिशत साइकिल खरीद की गई। हमलोग समाज कल्याण, वृद्धा पेंशन, छात्रवृति योजना जैसी कई अन्य योजनायें नकद भुगतान के द्वारा केन्द्र की योजना के पहले से संचालित करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होटल मौर्या में शनिवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा आयोजित 64वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक में शामिल हुये। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक वर्षों से मैं एस0एल0बी0सी0 की बैठक में शामिल होता रहा हॅू और आज 64वीं बैठक में शामिल हुआ हॅू। एस0बी0आई0 के महाप्रबंधक ने बैंकों से संबंधित समस्या बताई, राज्य सरकार की तरफ से वित्त मंत्री एवं विभाग के प्रधान सचिव ने बैंकों से संबंधित पक्ष रखा। रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक ने आंकड़े के मिलान में गड़बड़ी के बारे में जिक्र किया और भी बैंकों से जुड़ी समस्याओं को विस्तार से रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर0टी0जी0एस0 एक उपयोगी योजना है। केन्द्र के द्वारा डायरेक्ट बेनीफिट स्कीम शुरू किया गया है। इसके लिए मुझे खुशी है। बिहार आपदा बाहुल्य राज्य है। खासकर बाढ़ यहां अक्सर आते रहता है, वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी आई थी और उसमें आपदा पीड़ित परिवारों को नकद भुगतान किया गया था। पिछले वर्ष राज्य के सीमावर्ती जिलों में भयानक बाढ़ आई थी, यह फ्लैश फ्लड था। 38 लाख परिवारों को 6 हजार रूपये प्रति परिवार की दर से आर0टी0जी0एस0 के द्वारा भुगतान कराया गया। इसके लिए हमारे अधिकारीगण बैंकों के निरंतर सम्पर्क में लगे रहे। बैंकों को इस बात का ख्याल रखना होगा कि पैसे का भुगतान समय के अंदर हो, जल्द से जल्द ट्रांसफर हो, उसके लिए निचले स्तर पर व्यवस्था को दुरूस्त करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 1/6 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया जा चुका है। आप चाहे तो उसमें ब्रांच खोलियें, कोई किराया नहीं लिया जायेगा। हर एक ग्राम पंचायत में अगर बैंक का ब्रांच
होगा तो लोगों को काफी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रेडिट डिपोजीट रेशियो बिहार में 50 प्रतिशत से भी कम है।इसे बढ़ाने के लिए आप लोग ध्यान दीजिये। राष्ट्रीय औसत 70 प्रतिशत है। हमारे राज्य के लोगों में कर्ज लेने की प्रवृति ज्यादा नहीं है, जो लेना भी चाहते है, उसके लिए आपलोगों ने कड़े माप दण्ड तय कर रखें है। आप लोग बड़े-बड़े लोगों को बड़ी-बड़ी राशि कैसे आसानी से उपलब्ध कराते है। इसका घोटाला भी अभी सामने आया है। बिहार के लोग बैंकों पर बहुत भरोसा करते है। आज भी बैंक उनका सबसे विश्वसनीय जगह है, जहां पैसा जमा करते है।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रधान सचिव वित्त सुजाता चतुर्वेदी, क्षेत्रीय निदेषक
भारतीय रिजर्व बैंक एन0पी0 टोप्पो, मुख्य महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक संदीप तिवारी
ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, उद्योग
मंत्री जय कुमार सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेषक के0एस0 द्विवेदी, विकास आयुक्त दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वितीय सेवा विभाग के निदेशक सुधीर श्याम, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस0के0 मजूमदार एवं अन्य प्रधान सचिव/सचिव, बैंकों के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।