जानिए…डीएमआई टेस्ट से लाडले की वास्तविक क्षमता

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डा.मनोज कुमार.

आपके बच्चे जब पढाई मे अच्छे रिज्लट नही लाते तब आपकी प्रतिक्रिया क्या होती होगी।आप अपने नौनिहालों को अपनी मेहनत की कमाई का एक हिस्सा उसके अध्ययन पर खर्च कर रहे होते तो आपको उनकी बेहतरी का फिक्र रहती होगी।

अब इस झंझट को सरल बनाया हैं डी एम आई टेस्ट ने,जो आपके बच्चे के फिंगरप्रिंट से बता देगा उसके पूरे व्यकित्तव क्षमता को।इस परीक्षण को डमेंटोग्लायफिक्स मल्टीपल इंटेलीजेंस टेस्ट के नाम से जाना जाता  है। पटना से दिल्ली तक यह परीक्षण धूम मचा रहा।

क्या है यह टेस्ट–

यह टेस्ट हथेली,स्किन और अंगुलियों के सहारे लिया जाता हैं  और सप्ताह भर में आपके बच्चे की हर प्रकार की बुद्धि व व्यक्तित्व को स्पष्ट कर देती है।

ब्रेन व फिन्गर प्रिंट एकसाथ विकसित–

इस संबंध में श्रीमती मधुलता ,नैदानिक मनोवैज्ञानिक, दिल्ली क ई सालों से इस टेस्ट को करा चुके लोगों की काउंसलिंग कर रही हैं और इन्होंने इसकी बकायदा इसकी प्रशिक्षण लिया है वह बताती हैं कि इस परीक्षण से बच्चों के इंटेलिजेंस का आसानी से पता चलता हैं और ससमय उनके भीतर गुणों का पता लगाया जा सकता हैं इससे उनकी समुचित गाइंडेस मिल जाती है और बच्चा आगे निकल जाता हैं ।इन्होने आगे बताया कि शिशु जब माता के उदर मे ही होता हैं तब ही उसमे फिंगरप्रिंट विकसित हो जाती हैं और इस आधार पर उसकी बुद्धि का पता चल जाता है। पटना मे प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ व मनोरोग चिकित्सक डा. के पी शर्मा इस टेस्ट को सफलतापूर्वक करा रहें। इस बाबत डा.विवेक विशाल,निदेशक, हितैषी हैप्पीनेस होम द्वारा भी इस परीक्षण की सार्थकता पर सहानुभूति दर्ज की जा चुकी है।

सुसाइड दर में आयेगी कमी–

यह टेस्ट 400 साल पुराना हैं भारत के लिए ।लेकिन अभी हमारे यहाँ इसके विदेशी संस्करण चलन में है।यह परीक्षण मस्तिष्क के दाये व बाये हिस्सों को आसानी से माप लेता हैं और स्टुडेन्स की विचार, भाषा, तर्क व उनके शिक्षा संबंधी दिक्कतों को बता देता है। यह उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रहा जिनको मैंथ्स ,सांइस विषय मे लंबे समय से किरकिरी हो रही।यह टेस्ट से आप रचनात्मकता, सूजनात्मकता के साथ-साथ खेलकूद की अभिवृत्ति का भी पता लगा सकते  है।( लेखक पटना के प्रसिद्ध काउंसलिंग साइकोलांजिस्ट हैं)

 

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