एक और मुखौटा कम्पनी से करोड़ों के मालिक बने तेजस्वी यादव-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.लालू परिवार की एक और संपत्ति का खुलासा करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि एक और मुखौटा कंपनी के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति का मालिक बने बैठे हैं तेजस्वी यादव.

संवाददाता सम्मेलन में इसका खुलासा करते हुए सुशील मोदी ने बताया आयकर विभाग ने 7 फरवरी 2018 को तेजस्वी एवं तेज प्रताप की 3.67 करोड़ की पटना शहर के अत्यंत पॉस ईलाके 5, राईडिंग रोड में 7105 वर्ग फीट में बने दो मंजिला मकान को औपबंधिक रूप से जप्त कर लिया है। यह वही जमीन है जिसकी तलाश आयकर विभाग एक वर्ष से कर रहा था।

मोदी ने कहा कि  27 जून 2017 को भाजपा द्वारा खुलासा किया गया था कि तेजस्वी और लालू परिवार की6वॉ मुखौटा कम्पनी फेयरग्रो  हौलडिंग प्राईवेट लि0 है जिसके माध्यम से पटना शहर की कीमती जमीन व मकान खरीदा गया है। परन्तु उस समय यह पता नहीं चल पाया था कि आखिर 78.32 लाख में फेयरग्रो के माध्यम से खरीदी गई जमीन कहाँ है ?  फेयरग्रो कम्पनी का निबंधित पता 130/1बाकुल बगान रोड, थाना भवानीपुर कोलकाता दिखलाया गया है। परन्तु इस पते पर कोई निबंधित कम्पनी नहीं पाई गई। अगल-बगल के लोगों ने भी ऐसी किसी कम्पनी की जानकारी होने से इंकार किया।

मोदी ने बताया कि  2, गणेश चन्द्र एवेन्यू, 26, पी. के. टैगोर स्ट्रीट एवं 9, मेंगों स्ट्रीट, कोलकता के पते पर 15 शेयर होल्डर को 15 हजार शेयर प्रति शेयर हाल्डर दिखलाया गया। परन्तु उपरोक्त पते पर कोई शेयर होल्डर नहीं पाया गया।इसी प्रकार पांच  कम्पनियों को 20-20 हजार शेयर प्रति कम्पनी दिखलाया गया एवं तीन कम्पनियों का एक ही पता 85, Metacaf Street कोलकाता दिखलाया गया। ये भी सारे पते बोगस थे और इन पतों पर कोई कम्पनी नहीं पाई गई।

मोदी के अनुसार,  इसी में एक कम्पनी Sahara Merchandese Pvt. Ltd. द्वारा भी 20हजार शेयर दिखाया गया है जिसका पता 85, Metacaf Street कोलकाता है। 2016 में सेल हाल्डर की सूची में 16व्यकितयों और पांच कम्पनियों से नाम दिखलाया गया। और इन सभी का पता 130/1बाकुल बगान रोड दिखलाया गया। सवाल यह है कि  आखिर कुछ ही वर्षो में सभी शेयर हाल्डर का पता कैसे बदल गया ? सभी का पता एक ही कैसे हो सकता है ? और वह भी पता बोगस है। दरअसल, सभी शेयर हाल्डर का टाईटल हटा दिया गया ताकि उनके पहचान को छिपाया जा सके। प्रफुल्ल और संजय नाम दो-दो बार आया है। एक नाम 9 नम्बर पर ML अंकित है। क्या शेयर हाल्डर का नाम ML हो सकता है ?यानि इस कम्पनी का (फेयरग्रो) का पता बोगस था। इस कम्पनी के सभी शेयर हाॅल्डर बोगस थे। इस कम्पनी में ना तो कोई कर्मचारी था, न कोई टर्नओवर और न ही कोई व्यापार।

सुशील मोदी ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी बंद पड़ी कम्पनी जिसके सभी शेयर हाल्डर एवं पता बोगस है उसके निदेशक तेजस्वी, तेज प्रताप, रागिनी लालू एवं चंदा यादव कैसे बन गए ? तेजस्वी यादव ये बताएं उन्हें किसने इस कम्पनी का निदेशक बनाया ? वे क्यों इस फर्जी कम्पनी के निदेशक बने? इस कम्पनी की कभी वार्षिक आम सभा नहीं हुई तो फिर किसने व कब तेजस्वी यादव को निदेशक नियुक्त कर दिया ? तेजस्वी यादव बताएं कि इस कम्पनी के पास पटना की कीमती जमीन खरीदने के लिए पैसा कहाँ  से आया ? यह कालाधन किन लोगों का था ? किन लोगों ने बंद पड़ी कम्पनी में अपना काला धन लगाया? तेजस्वी यादव ये बताएं कि यह जमीन कब खरीदी गई ? तेजस्वी ये बताएं कि यह जमीन, मकान किसका है ? तेजस्वी बताएं कि इस मकान के पीछे पशुपालन घोटाला में जेल में बंद और एक समय के लालू प्रसाद के विश्वस्त सलाहकार डॉ आर. के. राणा का आलिशान मकान से इस जमीन का क्या संबंध है? जाहिर है कि अन्य पांच कम्पनियों के समान इस कम्पनी का भी इस्तेमाल तेजस्वी एवं उनके परिवार के लिए बेनामी सम्पति खरीदने में किया गया।

 

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