संवाददाता.पटना.राजधानी के एक होटल में आयोजित “स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव” के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्मार्ट सिटी में बच्चों के खेलने के लिए खेल का मैदान, पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ, साइकिल ट्रैक, इलेक्ट्रॉनिक व बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन और आई टी आधारित समन्वित यातायात प्रबंधन होना चाहिये।
श्री मोदी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए बिहार के चयनित चार शहरों पटना, मुज़फ़्फ़रपुर, भागलपुर और बिहार शरीफ में अगले 5 साल में 1-1 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा विभिन्न विभागों की अनेक योजनाओं के जरिये भी काफी राशि खर्च की जाएगी। नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना में सीवरेज लाइन और ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना पर केंद्र सरकार 3 हज़ार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा की विकास का पैमाना शहरीकरण भी है। देश के जो राज्य जितना विकसित है वहां शहरीकरण की दर उतनी ही अधिक है। तमिलनाडु में शहरीकरण का प्रतिशत 48 , केरल में 42 और बिहार में 11 हैं। 2011 में देश का शहरीकरण 31.06 प्रतिशत , जबकि 1901 में मात्र 11 प्रतिशत था। 2030 तक देश में 40.76 प्रतिशत शहरीकरण होने का अनुमान है। स्मार्ट सिटी की अवधारणा के मूल में शहरों को रहने लायक कैसे बेहतर बनाया जाय है।पीने के लिए शुद्ध जल, सीवरेज की व्यवस्था, सभी तरह के कचरों का प्रबंधन,आई टी आधारित यातायात व्यवस्था,शहरों में व्यापक पैमाने पर प्लांटेशन कर के ही किसी शहर को बेहतर बनाया जा सकता है।