अगले साल तक 961 बसावटों को आर्सेनिक मुक्त पेयजल-उपमुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना.प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मुख्यालय में गंगा के जीर्णोद्धार आर्सेनिक की समस्याओं के समाधान के लिए हितधारकों के साथ आयोजित बैठक के उद्घाटन सत्र में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के 11 जिलों के पेयजल में फ्लोराइड, 9 जिलों में आयरन और  13 जिलों में आर्सेनिक की समस्या है। गंगा के तटवर्ती आर्सेनिक प्रभावित बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया एवं कटिहार जिलों के 961 बसावटों को 391.60 करोड़ खर्च कर अगले साल तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल उपलब्ध दिया जायेगा।

श्री मोदी ने कहा कि राज्य के रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, मुंगेर,शेखपुरा, जमुई, बंका एवं भागलपुर जिलों के 3,467 बसावटों में फ्लोराइड एवं बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज जिलों की 17833 बसावटों की आबादी पेयजल में आयरन की समस्या से जूझ रही है। 2019-20 तक इन जिलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 17,833 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है।

राज्य के 20 शहरों में 4166 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, गंगा किनारे के गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने,विद्युत शवदाह गृहों के जीर्णोद्धार व सघन पौधारोपण के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। गंगा घाटों, शवदाह गृहों, सामुदायिक शौचालयों आदि के लिए 134 करोड़ की 5 योजनाएं स्वीकृत है। 1169 करोड़ से पटना कें बेउर, करमलीचक, सैदपुर, पहाड़ी और बक्सर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम हो रहा है। इसके अलावा करमलीचक, पहाड़ी, मोकामा, सुल्तानगंज, बाढ़, नौगछिया, दीघा, कंकड़बाग, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय व हाजीपुर में सीवरेज के लिए 3715 करोड़ की योजना है।

‘नमामि गंगे’ भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है जिसके अन्तर्गत गंगा को संरक्षित रखने, प्रदूषण में प्रभावी कमी लाने एवं जीर्णोद्धार के लिए 20 हजार करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है। इस परियोजना के तहत बिहार सहित 8 राज्य, 47 शहर एवं गंगा की अन्य 12 सहायक नदियां शामिल हैं।

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