मो.तसलीम उल हक.
जरा संभाल के भरिये अपना इनकम टैक्स रिटर्न। फाइल करने में थोड़ी सी चूक बढ़ा सकती है, आपकी परेशानी। फाइल में हो जाने वाली त्रुटियों पर ध्यान नहीं देगें तो देना पड़ सकता है पेनल्टी।
तो जानिए वह दस बातें जिसे रिटर्न भरने से पहले रखना है ध्यान—
1- नोटिस का जबाव न देने पर:- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से करदाता को कई बार वर्तमान या पिछले आयकर रिटर्न से जुड़ी जानकारी मांगने के लिए सेक्शन 142(1), 143(2), 142(2A) के अंतर्गत नोटिस भेजे जाते हैं। करदाता की ओर से इन नोटिस का जवाब न देने पर विभाग करदाता पर हर नोटिस के लिए 10,000 रुपए की पेनल्टी लगा सकता है। यह पेनल्टी सेक्शन 271(1)(b) के अंतर्गत विभाग की ओर से लगाई जाती है।
2-आय छुपाने पर:- मकान से मिलने वाला किराया, बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज, सलाहकार के रूप में जुड़कर किसी संस्थान से कमाई गई आय समेत तमाम ऐसी इनकम होती हैं जिनको करदाता रिटर्न फाइल करते समय दिखाना भूल जाता है। कानून की दृष्टि से आय छुपाने के जुर्म में विभाग सेक्शन 271(1)(C) के अंतर्गत करदाता पर 300 फीसदी तक की पेनल्टी लगा सकता है। इस स्थिति में कम से कम लगने वाली पेनल्टी भी 100% की होती है।
3- इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर:- टैक्सेबल इनकम होने की स्थिति में अगर करदाता रिटर्न फाइल नहीं करता है तो सेक्शन 271F के अंतर्गत विभाग 10,000 रुपए तक की पेनल्टी लगा सकता है। वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17, कर -निर्धारण वर्ष 2016 -17 और 2017 -18 के रिटर्न करदाता 31 मार्च 2018 तक फाइल कर सकता है
4-गलत फॉर्म से आईटीआर फाइल करना: सभी करदाताओं को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सही फॉर्म का पता होना जरूरी है। अगर गलत फॉर्म पर आईटीआर फाइल कर दी है तो उसे नहीं माना जाएगा और सही फॉर्म पर दोबारा आईटीआर फाइल करने पड़ेगी। इस गलती को सुधारने के लिए गलती का पता चलने के बाद इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 15 दिन का वक्त मिलता है। अगर 15 दिन में फाइल नहीं करते हैं तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है।
5-ब्याज से होने वाली कमाई की जानकारी नहीं देना: कई बार होता है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय सेविंग अकाउंट, एफडी आदि पर ब्याज से होने वाली कमाई की जानकारी नहीं दे पाते हैं। ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स देना होता है। हां इसके लिए टैक्स में छूट की एक सीमा दी गई है।
6-इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना : बहुत से लोग अपनी आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करते हैं क्योंकि उनके पास पुरानी संपत्ति है, जो टैक्स फ्री है। इस संपत्ति से होने वाली आय टैक्स की सीमा से कम है। हालांकि, अधिनियम की धारा 13 9 (1) के हालिया संशोधनों के अनुसार यदि आपकी कुल आय न्यूनतम छूट स्तर से अधिक है, तो आपको अपनी आयकर रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता है।
7-इनकम क्लब नहीं करना: नियमों के मुताबिक, करदाता को अपनी आय में निर्दिष्ट व्यक्तियों (छोटे बच्चों, पति या पत्नी, बेटे के पति, आदि) की आय जोड़नी होती है और उनके द्वारा दिए गए टैक्स के आधार पर ही टैक्स का केल्कुलेशन होता है। ज्यादातर ऐसे मामले हैं जब नाबालिग बच्चे की आय उसके माता-पिता की आय में जोड़ दी जाती है।
8-पुरानी नौकरी की इनकम छुपाना: कई बार ऐसा होता है कि जब फाइनैंशल ईयर के बीच में नौकरी बदलते हैं तो पुरानी नौकरी की आय को नहीं बताते हैं। यह भी इनकम क्लब नहीं करने का ही मामला है।
9-टैक्स फ्री इनकम की जानकारी नहीं देना: अगर आप एक करदाता हैं तो आपको टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपनी पूरी कमाई की जानकारी देनी होगी। आपको टैक्स फ्री इनकम की भी जानकारी देनी होगी।
10-बैंक अकाउंट की जानकारी छुपाना: अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं और उन सभी खातों की जानकारी आपने टैक्स रिटर्न फाइल करते समय नहीं दी है, तो आपको सरकार की नोटिस मिल सकती है।