संवाददाता.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोमवार को जम्मू-कश्मीर के जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा प्रथम मुफ्ती मोहम्मद सईद अवार्ड फॉर ‘‘प्रोबिटी इन पॉलिटिक्स एण्ड पब्लिक लाइफ’’ से नवाजा गया।यह अवार्ड जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एसएन वोहरा द्वारा मुख्यमंत्री को दिया गया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को टोपी और अंगवस्त्र भेंट किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सबसे पहले मोहतरमा महबूबा मुफ्ती जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुफ्ती साहब की स्मृति में इस वक्त से एक नये कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसी अवसर पर उन्होंने मुझे मुफ्ती साहेब की स्मृति का एक सम्मान ‘‘प्रोबिटी इन पॉलिटिक्स एण्ड पब्लिक लाइफ’’ देने का निर्णय किया। इसके लिये मैं उनका आभारी हूं। मुफ्ती साहब के साथ जो हमारा संबंध रहा है वह बहुत आला है। जब केन्द्र में वीपी सिंह जी के नेतृत्व में सरकार बनी थी और मुफ्ती साहब होम मिनिस्टर थे, उस सरकार में भी मुझे राज्य मंत्री के रूप में कुछ काम करने का मौका मिला था, वो तो अपनी जगह पर है लेकिन जब एक पॉलिटिकल पार्टी के रूप में जनता दल बना और उसमें जो उनकी भूमिका थी, उस पार्टी के नेशनल प्रेसिडेंट वीपी सिंह जी थे, उन्होंने पार्टी की एक पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी बनायी थी। उसमें सबसे पहले मुख्य बातों पर वे चर्चा किया करते थे। उस कमिटी में मैं भी मेंम्बर था।
कई बार मुफ्ती साहब के घर पर उस पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी की मीटिंग हुयी थी और उसमें मैं शामिल हुआ था। उस मीटिंग में मुफ्ती साहब प्यार से पेश आते थे। जब मुफ्ती साहब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने, उन्होंने पीडीपी का गठन किया और 2002 में मुफ्ती साहब के नेतृत्व में यहॉ सरकार बनी। जिस ढंग से उन्होंने यहॉ के माहौल को बेहतर बनाया, उसके बाद बड़ी संख्या में देश विदेश के लोग जम्मू-कश्मीर में आने लगे, वह सब हमें याद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय केन्द्र में आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। उस सरकार में मैं रेल मंत्री था। जम्मू-कश्मीर के लिये जो रेल की परियोजनायें थीं, उधमपुर, कटरा, काजेपुर, बारामुला। इसका निर्णय अटल जी के सरकार बनने के पूर्व हुआ लेकिन काम प्रारंभ नहीं हो पाया। उसमें कई तरह की गलतफहमियॉ थीं। अंततोगत्वा इस पर काम प्रारंभ हुआ और मुझे याद है कि मैं 2003 में कश्मीर आया और रेलवे के चल रहे कामों का निरीक्षण किया। कटरा से काजीपुर के बीच में जिस प्रकार का वह स्ट्रक्चर है, जितने टनेल और जितने ब्रिजेज और जितनी कठिनाई है, ऐसा रेलवे में पूरे देश में नहीं है। इन सब चीजों को देखने का मौका मिला। उस समय मुफ्ती साहब यहॉ के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा था कि यह जो रेल का नया इतना बड़ा नेटवर्क बन रहा है, यह बने,यह अच्छी बात है,लेकिन कम समय में बनना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब श्रीनगर के रेलवे स्टेषन का काम चल रहा था तो मुझे अच्छी तरह याद है कि हमने कहा कि आप भी उसको एक बार देख लें और फिर अगले दिन सुबह में मैं भी उनके साथ श्रीनगर रेलवे स्टेशन को देखने गया। उसे देखकर वे बहुत प्रसन्न हुये और मेरी बड़ी प्रशंसा की।वे मुझे लेकर हेलिकॉप्टर से गुलमर्ग भी गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से भी मुफ्ती साहब का लगाव था, जो स्नेह का भाव था, प्रेम का भाव था, उसे हम नहीं भूल सकते हैं। मुफ्ती साहब की याद में आप यह प्रोग्राम कर रही हैं और उसमें लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी भी शिरकत कर रहे हैं। लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी से हमारा पुराना रिश्ता है। जब नालंदा यूनिवर्सिटी को फिर से रिवाइव करने की बात सामने आयी तो इसमें लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी की बड़ी भूमिका रही। उस यूनिवर्सिटी को गवर्न करने के लिये जो एडवाइजरी बोर्ड गठित हुआ, उन सबों में लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी का योगदान रहा, अमर्त्य सेन जी का भी योगदान रहा।
हम महबूबा मुफ्ती साहिबा जी से आग्रह करेंगे कि जैसा मुफ्ती साहब का लगाव बिहार से था, आपने भी उस लगाव को दिखा दिया है।
उन्होंने कहा कि हम बिहार में हर क्षेत्र के विकास के लिये काम कर रहे हैं। ग्रोथ विद जस्टिस हमारा सिद्धांत है। हम उसी के आधार पर काम कर रहे हैं। हम पर्यावरण का, हमारी पुरानी आर्कियोलॉजी का ख्याल रखते हैं। हमारे बिहार में प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का माहौल है। रूल ऑफ लॉ स्टैबलिश किया गया। हमलोगों को यकीन है कि सर्वधर्म समभाव हो और सब लोगों की इज्जत होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विकास के साथ-साथ समाज सुधार पर भी ध्यान दिया है। हमने बिहार में शराबबंदी लागू की और अब बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरूद्ध हमारा अभियान चल रहा है। यह जो दहेज प्रथा थी, पहले सम्पन्न लोगों के बीच थी लेकिन अब यह आम लोगों के बीच में प्रचलित हो गयी है। विकास पर ध्यान देना राजनीति में बहुत जरूरी है। पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करना चाहिये। गॉधी जी के चम्पारण सत्याग्रह का भी हमलोग 100वां साल मना रहे हैं।
जम्मू-कष्मीर के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुये मुफ्ती साहब ने हमेशा प्रेम और सद्भाव का संदेश दिया। झगड़े से किसी मसले का हल नहीं निकल सकता, जब हल निकलेगा तो प्रेम और बातचीत के जरिये ही निकल सकता है। हम सब उनकी इस राय को हमेशा इज्जत के साथ सुनते और समझते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस अवसर पर महबूबा मुफ्ती साहिबा ने मुझे बुलाया और मुझे आप सबके बीच आने का मौका मिला, यह मेरे लिये गौरव की बात है। मुझे यह सम्मान बिहार में काम करने के लिये मिला लेकिन यह काम मेरे अकेले का नहीं है। हमारे सहयोगी उप मुख्मयंत्री सुशील कुमार मोदी जी भी बैठे हैं। हम सब लोग इस काम में बराबर के भागीदार हैं। मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूं और पुनः मैं कहूंगा कि आप थोड़ा वक्त निकालिये और बिहार आकर वहॉ के काम को देखिये।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र भेंट किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल कुमार सिंह, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, लॉर्ड मेघनाथ देसाई सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।