संवाददाता.पटना.बिहार सरकार द्वारा हर वर्ष जारी किया जानेवाला आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट कुछ अलग होगा.इसमें शराबबंदी और आकस्मिक बाढ़ से हुए नुकसान के प्रभाव का अध्ययन भी शामिल होगा.
उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि बजट-2018 की तैयारी की समीक्षा लगातार उच्चस्तरीय बैठकों के जरिए की जा रही है।इस बार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट-2017-18 के अन्तर्गत शराबबंदी का राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर प्रभाव, आकस्मिक बाढ़ से हुए नुकसान, 7 निश्चय, ग्रामीण विद्युतिकरण, नीम कोटेट यूरिया, डीबीटी के जरिए भुगतान आदि का अर्थव्यवस्था पर असर जैसे कई अन्य नए विषयों पर अलग से रिपोर्ट होगी। आम बजट से एक दिन पहले संसद में पेश की जाने वाली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की तर्ज पर बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद 2005-06 से प्रतिवर्ष आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने की परिपाटी शुरू की गई।
इस साल प्रस्तुत होने वालीं 12 वीं आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में जीविका द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव, 7 निश्चय, ग्रामीण विद्युतिकरण के बाद किरासन तेल की खपत में कमी, नीम कोटेट यूरिया और जैविक खाद के उपयोग का प्रभाव तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभुकों को डीबीटी के जरिए किए जाने वाले भुगतान के असर पर भी विशेष रिपोर्ट होगी।
इस साल पहली बार दो खंडों में प्रस्तुत होने वाली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पहला खंड टेक्सट पर आधारित तो दूसरे में आंकड़ों का विवरण होगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट बिहार सरकार की संस्था लोक वित्त आर्थिक नीति केन्द्र (Centre for Economic Policy & Public Finance) की ओर से तैयार की जा रही है।