नई दिल्ली/रांची.सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला घोटाले में एक अहम फैसला सुनाते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु और केन्द्र के पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता सहित एक अन्य को दोषी ठहराया है।गुरूवार को सुनवाई हुई और सजा सुनाने की तिथि 16 दिसंबर तय की गई.इस मामले में कुल नौ आरोपी हैं.
यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में गड़बड़ियो से जुड़ा है।कोड़ा, गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपियों झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु, दो लोक सेवक– बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान का नाम सीबीआई के आरोपपत्र में शामिल था।
अदालत ने दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी(आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 409 (सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में अब सजा सुनायेगी।जिरह के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था।सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की अनुशंसा नहीं की थी, बल्कि 36वीं अनुवीक्षण समिति (स्क्रींनिग कमेटी) ने आरोपित कंपनी को खंड आवंटित करने की सिफारिश की थी।
सीबीआई ने कहा कि अनुवीक्षण समिति के अध्यक्ष एचसी गुप्ता कोयला मंत्रालय का प्रभार भी देख रहे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कथित तौर पर इन तथ्यों को छुपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी। एजेंसी ने कहा कि कोड़ा, बसु और दो आरोपी लोकसेवकों ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के पक्ष में साजिश रची थी।
गौरतलब है कि 2009 में लड़े गए लोकसभा के चुनाव में खर्च का सही ब्योरा नहीं देने पर चुनाव आयोग ने इसी वर्ष 29 सितंबर कोड़ा पर तीन वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने की भी पाबंदी लगा रखी है।