संवाददाता.पटना.समाज के हर तबके के युवक और युवतियां दहेजरहित शादी का संकल्प लें और अपने परिजनों को भी इसके लिए बाध्य करें तभी दहेज जैसी सामाजिक विकृति का खात्मा संभव है।
अपने पुत्र उत्कर्ष तथागत की शादी समारोह में शामिल हो कर वर-वधू को आशीष देने वाले सभी आमंत्रितों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि पूर्व की घोषणा के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व लालू प्रसाद तथा कुछेक अन्य सज्जनों की ओर से दिए गए सगुन के लिफाफे की राशि सामाजिक संस्था ‘दधीचि देहदान समिति’ को दान कर दी जायेगी।
बिना तिलक-दहेज और सादगीपूर्ण शादी की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी अभिभावकों के साथ-साथ नौजवानों के संकल्पों पर भी निर्भर हैं।श्री मोदी ने अपील करते हुए कहा कि दहेजरहित शादी के लिए अगर जरूरत पड़े तो युवक व युवतियां अपने परिजनों से भी विद्रोह करें और दहेज न देने और न लेने के लिए उन्हें बाध्य करें।खर्चीली शादी से बचने के लिए दिन के आयोजन को प्राथमिकता दें तथा डिजिटल इंडिया के इस दौर में महंगे निमंत्रण पत्र छपवाने की जगह ई-मेल और व्हाट्सएप व अन्य सोशल मीडिया के विकल्पों का उपयोग कर ई-निमंत्रण कार्ड को बढ़ावा दें। बैंड, बाजा,बारात, नाच-गाने, रौशनी की भड़कीली सजावट, आतिशबाजी आदि से मुंह मोड़ कर युवक और युवतियां अगर दहेजरहित शादी का अभियान चलाये तो निश्चित रूप से न केवल दहेज जैसी कुप्रथा पर रोक लगेगी बल्कि दहेजजनित अनेक प्रकार के अपराध और पारिवारिक कलह का भी खात्मा संभव हो सकेगा।