संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अधिवेशन भवन में नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि नशामुक्ति के खिलाफ जो वातावरण बना है, उसको अंजाम तक पहुंचाना है।उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों ने शराब और नशीले पदार्थों के चलते कष्ट झेला है, वह सबको मालूम है।
सीएम ने कहा कि 5 अप्रैल 2016 से पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गयी है। शराबबंदी के बाद हुए प्रभाव को लेकर कई अध्ययन किये जा रहे हैं। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अपराध, घरेलू हिंसा, सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015-16 के आंकड़ो को देखते हैं तो उस समय जो शराब से कुल 5 हजार करोड़ रूपये का राजस्व सरकार को आता था।एक बात सामने आई कि शराबबंदी के बाद इसकी भरपायी कैसे होगी। लेकिन इससे लोगों की जेब से 10 हजार करोड़ रुपये चला जाता था। ज्यादातर पैसा लोग शराब में गंवाते थे, जो प्रतिदिन 200 रुपये कमाता था, उसमें से 150 रुपये शराब में गंवा देता था। चंद अमीर लोग को तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन आमजन इससे काफी परेशान थे। घर में शाम में झगड़ा होता था और घर की हालत चिंताजनक थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण बिहार में महिलाओं और बालिकाओं के जीवन पर पूर्ण मद्य निषेध के आकलन से संबंधित पुस्तिका जिसका आज विमोचन किया गया है, का रिपोर्ट देख रहे थे। उसमें यह बताया गया कि मद्य निषेध के पूर्व जहां महिलाओं में मानसिक हिंसा 79 प्रतिशत थी, वह मद्य निषेध के पश्चात घटकर 11 प्रतिशत पर आ गई। मौखिक हिंसा 73 प्रतिशत से घटकर 14 प्रतिशत, शारीरिक हिंसा 54 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत, आर्थिक हिंसा 70 से घटकर 6 प्रतिशत, यौन हिंसा 15 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत तथा शारीरिक प्रताड़ना के साथ यौन हिंसा 17 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पता चलता है कि शराबबंदी का किस तरह का सकारात्मक प्रभाव समाज में पड़ रहा है। जो लोग कहते हैं कि शराबबंदी के बाद भी धंधा हो रहा है इसलिये इस कानून को खत्म कर देना चाहिये तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि देश में कानून रहने के बावजूद हर दिन कितनी हत्यायें होती हैं, तो क्या हत्या के कानून को खत्म कर देना चाहिये।शराबबंदी को सफल बनाने के लिए पुलिस, उत्पाद विभाग मुस्तैद है।
आज के दिन विशेष तौर पर मैं जीविका की दीदियों से कहना चाहता हूं कि आप गांव-गांव में जाकर बताएं कि कुछ कारोबारी लोग शराब में जहर मिलाकर इन्हें मृत्यु तक पहुंचाते हैं, इससे सतर्क रहने की जरुरत है। गांव के जिन लोगों ने अभी मन से पीना नहीं छोड़ा है, उस पर इसका प्रभाव पड़ेगा। अभियान के बिना कुछ नहीं होगा, अनवरत काम करना पड़ेगा, लोगों को जागृत करते रहना होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके बाद शराबबंदी और नशामुक्ति के साथ-साथ दहेज-प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ हमलोगों ने अभियान चलाया है। हम किसी कीमत पर इसे छोड़ने वाले नहीं हैं, समाज सुधार के इस अभियान को आगे बढ़ाते रहेंगे। बिहार में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। पटना के होटलों में ठहरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। हमारे सरकारी तंत्र में भी कुछ लोग इस अवैध कार्य में लगे हुए हैं लेकिन उसके लिए कार्रवाई हो रही है। मद्य निषेध विभाग ने अपने 17 कर्मियों पर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की है और 08 कर्मियों को बर्खास्त किया है। पुलिस विभाग ने 242 कर्मियों पर कारवाई की है, 29 को सेवा से बर्खास्त किया है एवं साथ ही 80 पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया है। 15 पुलिस अधिकारियों को 10 साल तक थाने की पोस्टिंग से वंचित रखा गया है। तंत्र को और दुरुस्त करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, मद्य निषेध का नया पद सृजित किया गया है, जो सी0आई0डी0 के अधीन होगा। पुलिस महानिरीक्षक, मद्य निषेध को यह अधिकार होगा कि पूरे राज्य में मद्य निषेध से संबंधित कोई केस अपने अधीन ले सकता है और केस की प्रगति की समीक्षा भी कर सकता है।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने किलकारी एवं जीविका की दीदियों द्वारा बनाये गये शराबबंदी एवं नशामुक्ति पर आधारित पेंटिंग का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री को जीविका दीदी विमला देवी ने अपने द्वारा बनायी गई पेंटिंग, जो नशामुक्ति पर आधारित थी, को भेंट की। नशामुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री ने सभी मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, जिला पार्षद, नगर निकाय के पार्षद को भेजे गए संदेश का रिमोट से अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने नशामुक्ति से संबंधित आकाशवाणी और रेडियो मिर्ची पर प्रसारित होने वाले जिंग्लस का लोकार्पण, मुख्यमंत्री का मोबाइल पर जनता के नाम संदेश का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर महिला विकास निगम द्वारा ग्रामीण बिहार में महिलाओं एवं बालिकाओं के जीवन पर पूर्ण मद्य निषेध के प्रभाव का आकलन से संबंधित पुस्तिका का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया। कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति एवं शराबबंदी के प्रभावों से संबंधित लघु वृतचित्र का भी प्रदर्शन किया। इस अवसर पर जन शिक्षा कलाजत्था द्वारा नशामुक्ति पर गीत की प्रस्तुति भी की गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने खड़े होकर कलाकारों की हौसला आफजाई की।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, प्रधान सचिव मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन आमिर सुबहानी ने भी संबोधित किया।