संवाददाता.पटना.उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि आवामी क़परेटिव बैंक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की दुधारू गाय के रूप में काम करती रही.
संवाददाता सम्मेलन में श्री मोदी ने उपरोक्त आरोप लगाते हुए कहा कि अनवर अहमद का प्रवेश लालू प्रसाद के रसोई घर तक था और लम्बे समय तक उनके घर का खाना बनाते थे इस कारण उन्हें ‘कबाब मंत्री’ भी कहा जाता था। अनवर अहमद के आवामी कॉपरेटिव बैंक का इस्तेमाल लालू परिवार के काले धन को सफेद करने, ऋण प्राप्त करने नोटबंदी के बाद लालू सहित राजद नेताओं के 500 और 1000 के नोट को सफेद करने में इस्तेमाल हुआ।
मोदी ने कहा कि लालू ने अनवर अहमद को राज्यपाल कोटे से MLC बनाया ताकि उसके Co-operative बैंक का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के किया जा सके। लालू परिवार की बेनामी सम्पत्ति खरीद में आवामी Co-operative बैंक का पूरा इस्तेमाल किया गया। जमीन खरीद के अनेक मामलों में आवामी Co-operative बैंक के माध्यम से संदिग्ध राशि का भुगतान दिखाया गया।
मोदी ने कॉपरेटिव बैंक के माध्यम से हुए खेल का खुलासा करते हुए बताया-राबड़ी देवी का S/B A/c. No.- 6651 अभी भी आवामी Co-operative बैंक में क्रियाशील है।लालू प्रसाद का S/B A/c. No. – 1001आवामी बैंक में क्रियाशील है। राबड़ी देवी के 18 फ्लैट जिस अरविन्द यादव के परिवार की जमीन पर बना है उस परिवार को 12 लाख 86 हजार रुपया 2.45 लाख के 5 अलग-अलग चेक आवामी Co-operative बैंक के नाम से निर्गत हैं। आवामी Co-operative बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद ने नोटबंदी के बाद 60 मजदूरों के नाम बैंक खाते खोलकर प्रत्येक में 2.30 लाख जमा कराया गया। जिन मजदूरों के नाम से खाते खोलकर पैसा जमा कराए गए उन्हें पता भी नहीं कि उनके नाम से खाते खोले जा रहे है।
मोदी के अनुसार, अनवर अहमद के ट्रस्ट में छापेमारी के दौरान 10 लाख के नए 2000 और 500 के नोट बरामद किए गए थे। इन खातों में 11 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा करने के तुरंत बाद निकाल ली गई थी। अनवर ने अपने परिवार के 4 ट्रस्ट का इस्तेमाल नोटबंदी के बाद 500 और 2000 के नोट जमा करने के लिए इस्तेमाल किया। इन सभी ट्रस्ट का खाता आवामी Co-operativeबैंक में था जहां दिखलाया गया कि चन्दे के रूप में यह राशि उन्हें दान स्वरूप मिली है। लालू प्रसाद का आवामी Co-operative बैंक में खाता है जिसमें 58 लाख जमा हैं तथा राबड़ी देवी के इसी बैंक के एक खाते में 15.62 लाख जमा है। 70 बेनामी खातों से 10-12 करोड़ रुपए के कालेधन को सफेद करने के साक्ष्य मिले है। 2.30 लाख जमा करवाया गया तथा 24 हजार/सप्ताह निकाला गया ताकि आयकर विभाग की निगाह से बचा जा सके। CBI एवं ED को अनवर अहमद के Co-operative बैंक की जांच करते समय लालू प्रसाद की भूमिका की भी जाँच करनी चाहिए।