राष्ट्रपति ने किया तीसरे कृषि रोडमैप का शुभारंभ

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संवाददाता.पटना.2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के उद्देश्य से बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) का शुभारंभ किया गया. बापू सभागार में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने गुरूवार को तीसरे कृषि रोड मैप का शुभारंभ किया.इस मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी,कृषि मंत्री प्रेम कुमार उपस्थित रहे.

इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति ने कहा बिहार में राज्यपाल में मेरे कार्यकाल के दौरान सभी वर्गों और क्षेत्र के लोगों का स्नेह मिला, उसे मैं जीवन भर याद रखूंगा.राष्ट्रपति के रूप में पहली बार बिहार आना मेरे लिए सुखद है.ज्ञान भवन में आने का मुझे सौभाग्य मिला.इस प्रदेश की संस्कृति का ज्ञान, बुद्ध और महावीर का ज्ञान.तभी मुझे राष्ट्रपति भवन पहुंचने का सौभाग्य मिला. भारत के निर्माण में बिहार के विभूतियों ने योगदान दिया है. मैं राजेंद्र बाबू को रोजाना राष्ट्रपति भवन में प्रणाम करता हूं.

उन्होंने कहा कि बिहार के कई विभूतियों ने मानवता की सेवा की. अप्रैल 2017 से चंपारण का सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है. इसमें किसानों के लिए समग्र व्यवस्था है. अब धान की उपज बढ़ी है. कृषि रोड मैप से किसानों को फायदा हुआ है. खाद्यानों की उपज में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया है. यह रोड मैप किसानों को नयी शक्ति प्रदान करेगा. इस रोड मैप में प्रावधान की गयी मछली पालन, जैविक खेती और बिजली की उपलब्धता किसानों के लिए काफी कारगर होगा. इसमें किसानों के लिए समग्र व्यवस्था है. मैं बिहार का नहीं लेकिन मेरे लिए मेरा बिहारीपन ही मेरी पहचान है जिस पर मुझे गर्व है. बिहार विभूतियों की धरती रही है. बापू मेरे आदर्श हैं, उनके पद चिह्नों का अनुसरण करता हूं.

राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार के किसान मेहनती हैं, बिहार में कृषि की अपार संभावनाएं हैं. खाद्यान्न के लिए बिहार को सम्मानित किया गया है. अगली हरित क्रांति का गौरव बिहार को मिल सकता है. इंद्रधनुषी कार्यक्रम से बिहार के किसानों को होगा फायदा. बिहार की छवि को और बेहतर बनाने की जरूरत है. इस कृषि रोडमैप से बिहार के इमेज को और बेहतर करने की सुविधा मिलेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर कहा कि बिहार के राज्यपाल देश के राष्ट्रपति बने यह गौरव की बात है.उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप की वजह से बिहार में कृषि क्षेत्र में प्रगति हो रही है. गेंहूं, धान और मक्के की उत्पादकता बढ़ी है. नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में भूमि विवाद सुलझाने के लिए सर्वे का काम हो रहा है. ग्राउंड वाटर की उपलब्धता को बचाने के लिए हर गांव में बिजली पहुंचायी जा रही है. किसानों के लिए अलग से फीडर की व्यवस्था की जा रही है. किसानों ने उत्पादकता में चीन का रिकार्ड तोड़ दिया है. बिहार के किसान वैज्ञानिकों से ज्यादा होशियार हैं. बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. इस कृषि रोड मैप से किसानों की परिभाषा में बदलाव आयेगा. सब्जी  उत्पादन में भी नंबर एक पर रहेगा बिहार. कृषि रोड मैप के साथ हर भारतीय की थाली में बिहार का एक व्यंजन होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के जरिये बिहार के 75 प्रतिशत लोगों की आमदनी को बढ़ेगी.लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पांच वर्षों में एक लाख 54 हजार रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है.
बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि बिहार की तरफ पूरा देश आशा भरी निगाहों से देख रहा है. गत 9 वर्षों में बिहार में दो-दो कृषि रोड मैप के माध्यम से कृषि का विकास हुआ है. राज्य सरकार बिहार में कृषि के विकास के लिए कट्टिबद्ध है.

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