हिंमाशु शेखर.रांची.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को दिया है। इसी कड़ी में राज्य के विभिन्न जिलों में 634 मुखौटा कम्पनी की चल अचल संपत्ति के संचालन, हस्तांतरण एवं उपयोग पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में मुखौटा कम्पनियों के लिए कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य सचिव ने झारखंड के सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है। मुख्य सचिव ने कहा कि कम्पनी एक्ट की धारा 250 के प्रावधान के मद्देनजर मुखौटा कम्पनियों की अचल सम्पत्तियों को चिन्हित कर उपायुक्त कस्टडी में लेंगे।
मुख्य सचिव ने पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया है कि मुखौटा कम्पनियों के बैंक खातों पर प्रतिबंध के लिये भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा इंडियन बैंक ऐसोसिएशन द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इस सिलसिले में जिले के बैंक भी जरूरी कार्रवाई करेंगे।
मुख्य सचिव ने अपने निदेश में यह भी स्पष्ट किया है भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा मुखौटा कम्पनियों तथा संदेहास्पद मुखौटा कम्पनियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। झारखण्ड की 634 कम्पनियों को भी कम्पनियों के निबंधक ने कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 248(5) के तहत सूची से हटा दिया गया है। ऐसी स्थिति में ये कम्पनियां विघटित हो गई हैं तथा इनका सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉरपोरेशन रद्द कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों से 15 दिनों में की गई कार्रवाई से सरकार को अवगत कराने का निदेश दिया है।
इन 634 कम्पनियों में सबसे अधिक रांची में 214, जमशेदपुर-151, धनबाद-55, हजारीबाग-51, बोकारो-37, देवघर-25, पलामू-21, गिरिडीह-17, चाईबासा-11, गोड्डा-10 आदि हैं।