50 लाख का इनामी नक्सली पुलिस की गिरफ्त में

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संवाददाता.चाईबासा.कुख्यात नक्सली संदीप दा उर्फ मोतीलाल सोरेन अंततः पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। उसके ऊपर 50 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सारंडा क्षेत्र में उसकी तूती बोलती थी। उसे वहां नक्सलवाद के संस्थापकों में से एक माना जाता है। उसकी गिरफ्तारी माओवादियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

इस नक्सली की गिरफ्तारी बुधवार को उस समय हुई जब वह जेटेया थाना क्षेत्र के लतारकुंदरीझोर में यह एक हड़िया दुकान में बैठकर फुटबॉल मैच देख रहा था। वह वर्ष 2014 में हुए चाईबासा जेल ब्रेक कांड का मुख्य सरगना था। इस दौरान दो कैदियों की मौत हो गयी थी और 15 कैदी जेल तोड़ कर फरार होने में कामयाब रहे थे। झारखंड और उड़ीसा सरकारों ने उसपर 25-25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। दो महीने पहले भी वह पुलिस की गिरफ्त में आने से बाल-बाल बच गया था। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर निशानदेही पर मिले विस्फोटक कुंदरीझोर से बुरु रायका के बीच के जंगल में पहाड़ के नीचे छिपाकर रखे गए छह शक्तिशाल बम की पुलिस ने बरामदगी की है।

चाईबासा के डीआईजी साकेत सिंह और एसपी अनीश गुप्ता ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि नक्सली के पास से नाइन एमएम की विदेशी पिस्टल और पांच जिंदा गोलियां भी जब्त की गयी है। इस पर चाईबासा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 17 मामले दर्ज हैं। गौरतलब है कि मोतीलाल सोरेन उर्फ संदीप 2011 के जनवरी महीने में चाईबासा जेल से फरार हो गया था।

 

 

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