हिमांशु शेखर.रांची.झारखंड सरकार के मिड डे मिल के एक सौ करोड़ रुपये एक निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में डाल दिये जाने के बाद सरकार के कान खड़े हैं। हालांकि बैंक की ओर से यह राशि फिर सूद सहित सरकार के खाते में जमा करा दी गयी है, लेकिन बिहार जैसा सृजन घोटाला झारखंड में नहीं हो,ऐसी किसी संभावना को खत्म करने के लिए झारखंड सरकार की ओर से कड़े कदम उठाये गये हैं। झारखंड के योजना-सह-वित्त विभाग द्वारा सभी विभागीय सचिवों और सभी जिले के उपायुक्तों को बैंक में रखी गयी सरकारी राशि की जांच और रिकाउंसिलेशन यानि बैंक में जमा राशि के मिलान का आदेश दिया गया है।
इसके साथ ही 16 अक्तूबर तक रिपोर्ट तलब की गयी है। इस सिलसिले में राज्य के अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी डीडीओ से यह सुनिश्ति कराया जाएगा कि वित्त विभाग की अनुमति के बगैर संचालित बैंक खाते शीघ्र बंद कराकर उसे सरकारी कोष में जमा करना होगा। इस बारे में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी उपायुक्त, सभी उप विकास आयुक्त, सभी कोषागार पदाधिकारी/ उप-कोषागार पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सरकारी राशि के विचलन या हानि होने की हालत में उस अधिकारी के खिलाफ सरकारी राशि के व्यय में किसी भी विचलन/हानि के लिए संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई होगी।