संवाददाता.पटना.भारत सरकार की स्वीकृति के बाद कई वर्षों से बंद पड़े बरौनी उर्वरक कारखाने के जिर्णोद्धार का काम साढ़े छह हजार करोड़ की लागत से शुरू हो चुका है।उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर हिन्दुस्तान उर्वरक व रसायन लि. के एमडी अरुण गुप्ता ने खाद कारखाने के कार्य की प्रगति से अवगत कराया। उपमुख्यमंत्री ने परियोजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोगा का आश्वासन दिया।
पिछले साल केन्द्र सरकार ने गोरखपुर, सिन्दरी के साथ बरौनी खाद कारखाने के पुनरू़द्धार का निर्णय लिया था। हिन्दुस्तान उर्वरक व रसायन लि. को नवम्बर में वर्क अवार्ड हो जायेगा जबकि 2020 तक यहां से नीम कोटेड यूरिया का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की संभावना है। यह कारखाना प्राकृतिक गैस आधारित होगा तथा 12.70 लाख मे. टन प्रतिवर्ष यूरिया उत्पादन की इसकी क्षमता होगी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने रिकार्ड समय में पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी है। पूर्व परियोजना कार्य पूरे हो चुके हैं। अगले महीने से भूमि विकास का काम प्रारंभ हो जायेगा। हिन्दुस्तान उर्वरक ने बरौनी में अपना कार्यालय स्थापित कर परियोजना प्रबंधक की नियुक्ति कर दिया हैं। बरौनी खाद कारखाने के पुनरूद्धार से जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे वहीं बिहार के विकास को नई गति मिलेगी।