प्रमोद दत्त.पटना.नीतीश कुमार के नेतृत्व में नवगठित एनडीए सरकार ने विधान सभा में विश्वासमत हासिल कर लिया.प्रस्ताव के पक्ष में 131 और विपक्ष में 108 वोट मिले.दो विधायक मतदान में हिस्सा नहीं लिया.प्रस्ताव के पक्ष-विपक्ष में बहस के बाद मतदान के लिए लॉबी डिविजन की प्रक्रिया अपनाई गई.
जोरदार हंगामे के बीच लगभग दो घंटे तक हुई चर्चा के दौरान एक समय सदन में जबरदस्त तनाव की स्थिति बन गई थी.चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सांप्रदायिकता के नाम पर भ्रष्टाचार पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है.कुकर्मों पर परदा डालने के लिए सांप्रदायिकता का सहारा लिया जा रहा है.राजद के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि अहंकार में जीनेवाले लोग एक पार्टी के अस्तित्व को ही नकार रहे हैं.मुझे बिहार के विकास के लिए काम करने का जनादेश मिला.हमने बहुत प्रयास किया कि मामला सुलझे.मेरी जनता के प्रति प्रतिबद्धता है.समता पार्टी से लेकर जदयू तक में पार्टी का एक रास्ता रहा है उस रास्ते से हम नहीं भटक सकते थे.हम किसी कीमत पर भ्रष्टाचार को बर्दास्त नहीं कर सकते,गलत तरीके से धन अर्जित करनेवालों का साथ नहीं दे सकते.उन्होंने कहा कि राजद के एक एक बातों का जवाब देंगें-अभी समय नहीं है.समय पर आईना दिखाऐंगें.
प्रस्ताव के विरोध में चर्चा की शुरूआत करते हुए प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में नीतीश कुमार व सुशील मोदी को जमकर लताड़ा.कहा कि तेजस्वी के बहाने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा की गोद में जा बैठे.उन्होंने कहा कि सीएम बोलते तो इस्तीफा दे देते लेकिन सबकुछ पहले से स्क्रिप्टेड था.एक तरफ गांधी की बात करते तो दूसरी ओर गांधी के हत्यारों से मिल गए.45 मिनट के आक्रामक भाषण में तेजस्वी ने कई मुद्दे उठाए.
चर्चा में भाग लेते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि महागठबंधन को बेनामी संपत्ति को छिपाने के लिए जनादेश नहीं मिला था.चर्चा में भाजपा के नंदकिशोर यादव,कांग्रेस के सदानंद सिंह ने भी भाग लिया.