संवाददाता.पटना.लालूजी को बिहार की जनता को बताना चाहिए की इतनी ज्यादा अवैध संपत्ति कहाँ से अर्जित की? प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने यह सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र में आस्था रखने वाले सभी भारतीय नागरिकों को संविधान और कानून पर भरोसा होना ही चाहिए। इस सन्दर्भ में अवैध और गैरकानूनी तरीके से संपत्ति अर्जित करने वाले सभी लोगो पर कार्रवाई होनी ही चाहिए चाहे वे किसी भी हैसियत में और किसी भी ओहदे पर हों। जिस किसी भी व्यक्ति को अपने ईमानदारी पर वाकई भरोसा होगा वो कानूनी कार्रवाई का स्वागत करेगा और कानून पर ही सवाल खड़ा करने वाला व्यक्ति खुद ही सवालों के कटघरे में खड़ा हो जाता है।
उन्होंने कहा- हमारा स्पष्ट मानना है कि कानून अपना काम कर रही है और अवैध संपत्ति रखने वाले लालू परिवार सहित सभी लोगों पर कार्रवाई जरुर होनी चाहिए जो स्वागत योग्य है। देश के शासन- प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी स्थापित करने के किसी भी कोशिश को राजनीतिक रंग देना निंदनीय है। अनर्गल राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर लालूजी को बिहार की जनता को बताना चाहिए की इतनी भारी मात्रा में अवैध संपत्ति उन्होनें कहाँ से अर्जित की?
बिहार में भ्रष्टाचार मुक्त शासन अभी भी यहाँ की आवाम के लिए सपने की तरह है और यह जगजाहिर सी बात है की भ्रष्टाचार रहित शासन सुनिश्चित किये बिना सुशासन का दावा खोखला ही साबित होगा. बिहार में महागठबंधन की सरकार में शामिल सहयोगी दल के नेता पर ही अवैध या गैरकानूनी तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप हो तो फिर गठबंधन अनैतिक या अपवित्र ही कहा जायगा। बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार की अपने गठबंधन सहयोगी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर चुप्पी से आवाम के सामने सवाल खड़ा होता की क्या उन्होंने सत्ता की मजबूरी में घुटने टेक दिए है या फिर जबरन चुप रहने को बाध्य कर दिए गये है? बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की आवाम को बताएं की वह कब तेजस्वी और तेज प्रताप को कैबिनेट से बर्खास्त करेंगे ?
राजनीति कभी व्यक्ति और किसी परिवार का मोहताज नहीं होती है इसलिए लालूजी राजनीति को खुद की या परिवार की जागीर समझना बंद करें। अगर वो पाक-साफ़ हैं और उनपर अवैध संपत्ति अर्जित करने के सभी आरोप गलत है तो सार्वजनिक तौर पर वो खुलकर सफाई दें या फिर क़ानून का सहारा ले सकते है। लेकिन दुखद पहलू है की वो अपने ऊपर लगे आरोप को लेकर ‘विक्टिम कार्ड’ खेल रहे है जबकि हकीकत सबको मालूम है की उन्होंने बिहार के गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित और गरीब लोगों के और पशुपालक समाज के वोट लेकर उन्हीं की गाढ़ी कमाई के पैसे हड़प लिए। लालू प्रसाद जी ने धन अर्जित करने की धुन में अपने पुरे परिवार को फंसा दिया है जों उनकी राजनीति का सबसे शर्मनाक पहलू है। लालू जी की इस विचारधारा रहित और नैतिक मूल्य रहित राजनीति से आज “जेपी, लोहिया, कर्पूरी और बी.पी.मंडल” की आत्मा निश्चित तौर पर कराह रही होगी।