बाढ़ एवं सुखाड़ के लिए अधिकारियों को पूरी तैयारी रखने का सीएम का निर्देश

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संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में सभी प्रमण्डल एवं जिलों के वरीय अधिकारी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुये थे। समीक्षा बैठक में संभावित बाढ़ 2017 एवं सुखाड़ की स्थिति से पूर्व की तैयारी के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी।

बैठक में बताया गया कि सभी जिलों में इस वर्ष गत वर्ष से कम वर्षा हुयी है। जून माह में होने वाली वर्षा गत तीस वर्षों के एवरेज से कम है। बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आई0एम0डी0) द्वारा ऋतुकालिन वर्षा से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विभिन्न संस्थानों से प्राप्त होने वाले आंकड़ों को मिलाकर एक अंतिम आंकड़ा निकालें, जिसके आलोक में आवश्यक कार्रवाई की जा सके। बैठक में प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारी से संबंधित पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के समक्ष दिया गया। पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन में बाढ़ की स्थिति में संसाधन मानचित्र पर चर्चा की गयी। चर्चा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नाविकों को प्रशिक्षण एवं उनका उन्मुखीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाय।

प्रधान सचिव ने बताया कि एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की प्रिपोजिशनिंग कर ली गयी है। बैठक में राहत सामग्रियों की जिलावार निविदा एवं क्रय की स्थिति की समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन जिलों में दर निर्धारित नहीं हुआ है, वहां जल्द ही दर निर्धारित कर लिया जाय। समीक्षा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाओं की उपलब्धता के बारे में बताया गया। पशुपालन विभाग द्वारा पशु दवा एवं पशु चारा की उपलब्धता के साथ-साथ पशु राहत शिविर के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी। इसके अलावा समीक्षा में बाढ़ शरण स्थलों की पहचान, जिला टास्क फोर्स का गठन, बाढ़ प्रबंधन सूचना प्रणाली, तटबंधों की स्थिति, पथों की स्थिति के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की गयी तथा मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। समीक्षा के क्रम में कृषि विभाग द्वारा कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं, वर्षापात, खरीफ फसल आच्छादन, आकस्मिक फसल योजना, डीजल अनुदान के संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति की जिलावार विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े अधिकारियों से विस्तृत समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों के लिये पूरी तैयारी रखनी चाहिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ को सोचते हुये आगे बढ़ना होगा। सुखाड़ की स्थिति में डीजल अनुदान, नहरों में पानी अंतिम छोर तक पहुंचे, सभी ट्यूबवेल कार्यरत हों, बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो, आकस्मिक फसल योजना का लाभ लोगों तक पहुंचे, इसे देखना होगा। उन्होंने कहा कि आकस्मिक फसल योजना के संबंध में कृषि विभाग को निरंतर समीक्षा करते रहनी होगी ताकि लोगों को अधिक से अधिक सहुलियत मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ नेपाल, उत्तराखण्ड एवं मध्यप्रदेश में वर्षा होने से भी होती है। बिहार में वर्षा कम हो या ज्यादा, बाढ़ आ सकती है। संभावित बाढ़ के पूर्व की पूरी तैयारी मुस्तैद रूप से करके रखिये। उन्होंने कहा कि वर्षा की स्थिति को देखते हुये सुखाड़ की भी पूरी तैयारी रखिये।

समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, कृषि मंत्री रामविचार राय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, उपाध्यक्ष बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ब्यासजी, सदस्य बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यू0के0 मिश्रा, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिव उपस्थित थे।

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